India-Britain: आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान का सच बेनकाब करने की भारत की रणनीति जारी है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी के साथ शनिवार को नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लिया।
इस दौरान जयशंकर ने साफ कहा कि भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करता और वह कभी भी अपराधियों को पीड़ितों के बराबर नहीं मानेगा।
उन्होंने कहा, ‘हम आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस पॉलिसी का अनुसरण करते हैं और अपने सहयोगी देशों से अपेक्षा करते हैं कि वे इसे समझे। साथ ही, हम कभी भी अपराधियों को पीड़ितों के समकक्ष रखने को स्वीकार नहीं करेंगे।’
जयशंकर के इस बयान के हैं खास मायने
डेविड लैमी के सामने जयशंकर का यह बयान दुनिया के कुछ देशों के लिए एक खास संदेश था। दरअसल, यह बयान इसलिए दिया गया क्योंकि पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच 4 दिन (7-10 मई) तक चले सैन्य तनाव के बाद कुछ देशों ने दोनों को एक समान मानने की कोशिश की, जिससे भारत बेहद नाराज था।
जयशंकर ने वैश्विक समुदाय को यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी सख्त नीति पर अडिग है। डेविड लैमी दो दिन की यात्रा पर शनिवार सुबह नई दिल्ली पहुंचे।
दिल्ली क्यों आए हैं ब्रिटेन के विदेश मंत्री?
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी की इस यात्रा का मकसद भारत और ब्रिटेन के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना, व्यापार बढ़ाना, प्रवासन (माइग्रेशन) से जुड़े मुद्दों पर सहयोग करना और ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारत में नए अवसर तलाशना है।
ब्रिटेन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि लैमी का ध्यान आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और प्रवासन से जुड़े मुद्दों पर काम करने पर है। बैठक से पहले लैमी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की।
पीएम मोदी ने तस्वीर शेयर कर कही यह बात
पीएम मोदी ने कहा, ‘ब्रिटेन के विदेश मंत्री श्री डेविड लैमी से मिलकर प्रसन्नता हुई। हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी में उल्लेखनीय प्रगति में उनके महत्वपूर्ण योगदान की सराहना करता हूं, जिसे हालही में संपन्न FTA द्वारा और मजबूती मिली है। सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में ब्रिटेन के समर्थन की सराहना करता हूं।’
जयशंकर ने ब्रिटेन को कहा शुक्रिया
एस जयशंकर ने अपनी बातचीत में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करने के लिए ब्रिटेन का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में ब्रिटेन के समर्थन को महत्व देता है।
जयशंकर ने यह भी बताया कि भारत ने पाकिस्तान से आने वाले सीमापार आतंकवाद की चुनौती को ब्रिटेन के सामने स्पष्ट किया। पिछले महीने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए ब्रिटेन उन देशों में शामिल था, जिन्होंने दोनों देशों से बात की थी। (पीटीआई)