Jharkhand assembly elections: झारखंड में हैदराबाद बेस्ड राजनीतिक पार्टी आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। झारखंड में 82 विधानसभा सीट (81+1 नॉमिनेशन) हैं, जिसमें 81 पर चुनाव लड़े जाते हैं। इस चुनाव में AIMIM ने 35 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष मो शाकिर अली ने ये बात कही। झारखंड में AIMIM का चुनावी मैदान में, वो भी इतने बड़े पैमाने पर उतरना यूं तो अस्वाभाविक लग रहा है, लेकिन AIMIM इतना बड़ा ख्वाब झारखंड में बेतहाशा मुस्लिम आबादी बढ़ने और वहां बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से देख रही है।
इसलिए है AIMIM को झारखंड में उम्मीद
झारखंड में जनसांख्यिकी में हो रहे बदलावों ने एक नया परिदृश्य तैयार किया है। AIMIM जैसी पार्टियाँ राज्य में चुनाव लड़ने का सपना देख रही हैं, और यह सपना झारखंड की बदलती जनसांख्यिकी से जुड़ा हुआ है। साथ ही, बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या ने भी राज्य में गहराई से असर डाला है। AIMIM का यह निर्णय पार्टी की एक बड़ी राजनीतिक आकांक्षा का संकेत है, जो एक छोटे राज्य से शुरू होकर अब 2000-3000 किलोमीटर दूर के राज्यों में अपने पाँव पसारने की कोशिश कर रही है। इसका मुख्य कारण राज्य की जनसांख्यिकी में हो रहा बदलाव है, खासकर मुस्लिम और ईसाई आबादी की बढ़ोतरी।
मुस्लिम समुदाय की बढ़ती संख्या बड़ा कारण
जामताड़ा और संताल परगना जैसे क्षेत्रों में जनजातीय जनसंख्या में गिरावट और मुस्लिम समुदाय की बढ़ती संख्या AIMIM जैसी पार्टियों के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड के संताल परगना क्षेत्र में जनजातीय जनसंख्या घट रही है, जबकि मुस्लिम और ईसाई जनसंख्या बढ़ रही है। इस बदलाव का सीधा असर चुनावी राजनीति पर पड़ता है, क्योंकि वोट बैंक का समीकरण बदलता है।
मुस्लिम बहुल बूथों की संख्या में 100% से अधिक की वृद्धि
BJP द्वारा गठित एक समिति की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में मुस्लिम बहुल बूथों की संख्या में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। यह रिपोर्ट बताती है कि राज्य की 10 विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम बहुल बूथों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। इस तरह के आँकड़े जनसांख्यिकी में हो रहे महत्वपूर्ण बदलाव की पुष्टि करते हैं, जो AIMIM जैसी पार्टियों के लिए रणनीतिक रूप से लाभकारी साबित हो सकता है। इन बूथों की संख्या में वृद्धि यह भी दर्शाती है कि मुस्लिम समुदाय का प्रभाव राज्य के कई हिस्सों में बढ़ रहा है।