Illegal Immigrants: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने “ऑपरेशन सिंदूर” शुरू किया, जिसका पहला असर राजस्थान और गुजरात में दिखा। इस ऑपरेशन का उद्देश्य था — अवैध घुसपैठियों को चिन्हित करना और डिपोर्ट करना।
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राजस्थान में सबसे बड़ी कार्रवाई: 17 जिलों से 1008 गिरफ्तार
Illegal Immigrants: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने प्रदेशभर में सघन तलाशी अभियान चलाया। 17 जिलों से 1008 अवैध बांग्लादेशी पकड़े गए, जिनमें सीकर से सबसे ज्यादा 393 घुसपैठिए गिरफ्तार हुए। ये अधिकतर ईंट भट्ठों और निर्माण स्थलों पर काम करते पाए गए।
Illegal Immigrants: 6 डिटेंशन सेंटर बनाए गए, पहला जत्था डिपोर्ट
जयपुर, अलवर, बहरोड़, इसड़ोल (उदयपुर), और मेड़ता (नागौर) में कुल छह डिटेंशन सेंटर बनाए गए। 14 मई को 148 बांग्लादेशियों को जोधपुर एयरबेस से वायुसेना के विमान द्वारा त्रिपुरा भेजा गया। वहाँ से BSF उन्हें सीमा पार करा रही है।
गुजरात भी एक्शन में: अहमदाबाद-सूरत से सैकड़ों गिरफ्तार
Illegal Immigrants: गुजरात सरकार ने अहमदाबाद से 800 और सूरत से 134 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा। इनमें से 300 से अधिक घुसपैठियों को विशेष विमान द्वारा डिपोर्ट किया जा चुका है। राज्य पुलिस ने इनकी पहचान आईडी कार्ड, बैंक खातों और कॉल डिटेल्स से की।
बदली नीति: मुकदमा नहीं, सीधा डिपोर्ट
अब सरकार ने तय किया है कि अवैध प्रवासियों को पकड़ते ही डिपोर्ट किया जाएगा। पहले की तरह अदालत में पेशी और लंबी हिरासत का झंझट नहीं होगा। बीएसएफ इन्हें सीमावर्ती इलाकों से सीधे बांग्लादेश भेज रही है।
बांग्लादेश का विरोध, लेकिन भारत की सख्ती जारी
ढाका में यूनुस सरकार ने भारत को राजनयिक नोट भेजकर विरोध जताया और कानूनी प्रक्रिया की माँग की। लेकिन भारत ने एकतरफा कदम उठाते हुए इन्हें खगराछारी, मौलवीबाजार, सुंदरबन और मंदारबरिया द्वीप जैसे दूरदराज़ क्षेत्रों में डिपोर्ट करना शुरू कर दिया है।
Illegal Immigrants: बांग्लादेश में राजनीतिक भूचाल
अवामी लीग पर प्रतिबंध, पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल हामिद का देश छोड़ना, और सेना प्रमुख का अमेरिका दौरा रद्द होना — ये सभी घटनाएं बांग्लादेश की आंतरिक अस्थिरता को उजागर कर रही हैं, जिससे भारत की कार्रवाई पर बांग्लादेश की प्रतिक्रिया और भी जटिल हो गई है।
राष्ट्रीय नीति की दिशा तय करते राजस्थान और गुजरात
राजस्थान और गुजरात की यह निर्णायक कार्रवाई अब राष्ट्रीय मॉडल बन चुकी है। आने वाले समय में अन्य राज्यों में भी इसी तरह के ऑपरेशन चलने की पूरी संभावना है।
ज़मीन नहीं, अब ये सिर्फ़ सीमा है
Illegal Immigrants: भारत ने अब स्पष्ट कर दिया है — अवैध रूप से घुसने वालों के लिए यह देश अब सुरक्षित ठिकाना नहीं है। राजस्थान और गुजरात की पहल एक नई सुरक्षा और संप्रभुता नीति की शुरुआत है, जिसमें कठोरता, निर्णय क्षमता और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।