Bangladesh: बांग्लादेश में तख्ता पलट हो गया है। शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा है और यहां पर गद्दी पर वो लोग काबिज हो गए है जो कट्टर हिन्दू विरोधी है। बांग्लादेश में भड़की यह हिंसा आरक्षण को लेकर शुरू हुई थी, लेकिन इस का मकसद कुछ और था। दरअसल आरक्षण की आड़ में हिन्दूओं को टार्गेट किया जाना था, जो हो भी रहा है।
सरकार के खिलाफ आंदोलन से जन्मी यह आग हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ क्रूर नरसंहार में बदल गयी है। मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार इन दंगो की साजिश पाकिस्तान, ISI और चीन के द्वारा की गई है और इसके लिए विदेशी ताक़तों द्वारा भारी फंडिंग की गयी है। इसकी जानकारी खुद शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने दी। उन्होंने कहा कि हिन्दूओं को निशाना बनाया जा रहा है। मंदिरों में तोड़फोड़ की जा रही है। इसके लिए दूसरे देशों ने हसीना की सरकार को गिराने में मदद की है।
Bangladesh में बरबर्ता की सारी हदें पार
बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने बरबर्ता की सारी हदें पार कर दी है। उपद्रवी हिन्दूओं के घरों के खिड़की दरवाजे तोड़कर घरों में घुस रहे है। महिलाओं और बच्चियों के साथ गैंगरेप कर रहे है। हिन्दुओं को निवस्त्र कर के चौराहे पर उलटा लटकाकर उनकी हत्या कर रहे है और अधजली लाशों को गाड़ियों में लेकर घूम रहे हैं।
जिस तरीके से वहां पर नरसंहार चल रहा है वो 1946 में हुए डायरेक्ट एक्शन डे की याद दिलाता हैं, जब कोलकाता क्या पूरे बंगाल की सड़कें सुर्ख लाल हो गई थी। इसमें हजारों हिन्दूओं का नरसंहार कर दिया गया और महिलाओं बच्चियों के साथ गैंगरेप कर के मौत के घाट उतार दिया गया था। ठीक ऐसा ही भयावह मंज़र इस समय बांग्लादेश में भी दिखाई दे रहा है।
Bangladesh में हिन्दू छात्रों को बनाया शिकार
इन कट्टरपंथियों ने अपने गैर-मुस्लिम सहयोगियों को भी नहीं छोड़ा। बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने वाले हिंदू छात्र भी हिंसा के शिकार हुए, कुछ छात्रों को मौत के घाट उतार दिया गया है तो कुछ को तालिबानी सजा दी गई है। वहीं बांग्लादेश में हिंदू लड़कियों के साथ बलात्कार हो रहा है। हिंदू पुरुषों का नरसंहार हो रहा है और हिंदू मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, भगवान की मूर्तियों को खंडित किया जा रहा है। और न जाने कितने ही लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया है।
Bangladesh से आ रही खबरों को गलत साबित करने में लगे राष्ट्र विरोधी
वहीं भारत में बैठे मुस्लिम, बांग्लादेश से आ रही खबरों को गलत साबित करने में लगे हुए है। जबकि सोशल मीडिया पर ऐसे कितने ही वीडियो मौजूद है जो इस बर्बरता की कहानी चीख चीख कर कह रहे है। न जाने ये हिन्दू विरोधी उन्हें निर्दोष दिखाने पर क्यों तूले है।
ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा की जब दूसरे देशों में मुस्लिम पर अत्याचार होता है तो भारत में बैठे राष्ट्र विरोधियों को दस्त लग जाते है जिसका आउटपुट उनके सोशल मीडिया पर दिखाई देता है। वहीं जब दूसरे देशों में हिन्दुओं के ऊपर हमले होते है तो उनके होंठ सिल जाते है। ग़ज़ा पर गाल फाड़ कर चीखने वाले राष्ट्रविरोधी बांग्लादेश में हो रहे हिन्दू नरसंहार पर उनके मुंह में छाले हो जाते है।
बांग्लादेश में घट रही सभी घटनाएं इस बात की चेतावनी है कि अगर अब भी हमारा जमीर नहीं जागा तो वो दिन दूर नहीं जब ऐसी घटनाएं भारत में भी होने लगे और हम अपने आप को बचा भी न पाएं। भारत में लोकतंत्र तब तक जिंदा है, जब तक भारत में हिंदू बहुसंख्यक है जिस दिन भारत में हिंदू कम हुए उसे दिन भारत से लोकतंत्र खत्म हो जाएगा, भारत का संविधान खत्म हो जाएगा और यह हमारी और आपके आंखों के सामने की कड़वी सच्चाई है कि जिस जिस देश में इस्लाम मुस्लिम ज्यादा हुए उसे देश में संविधान खत्म हो गए। उसे देश में लोकतंत्र खत्म हो गया और उसे देश में अल्पसंख्यक समूहों को खत्म कर दिया गया उनके धार्मिक अधिकार खत्म कर दिए गए।