Monday, August 11, 2025

Health Updates: बैठे-बैठे दिल की धड़कन बढ़ जाना हो सकता हैं गंभीर बीमारियों का संकेत

Health Updates: आज की तेज़ रफ्तार और तनावभरी लाइफस्टाइल में शरीर के छोटे-छोटे बदलाव भी कई बार बड़ी समस्या का संकेत दे सकते हैं।

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हममें से अधिकतर लोग मानते हैं कि दिल की धड़कन सिर्फ दौड़ने, तेज़ चलने या सीढ़ियां चढ़ने पर बढ़ती है, जो कि सामान्य है।

लेकिन अगर आप बिल्कुल आराम से बैठे हों और बिना किसी कारण के बार-बार दिल की धड़कन तेज महसूस कर रहे हों, तो इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है।

यह न सिर्फ शरीर के भीतर किसी गड़बड़ी का इशारा है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी का भी लक्षण हो सकता है।

Health Updates: कई बार लोग इसे थकान या स्ट्रेस मानकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन बैठे-बैठे धड़कन तेज होना गंभीर स्थिति एरिथमिया का संकेत भी हो सकता है।

एरिथमिया में दिल की धड़कन सामान्य लय से बाहर हो जाती है — कभी बहुत तेज़, कभी बहुत धीमी, या अनियमित।

यह स्थिति दिल के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में गड़बड़ी के कारण होती है, जिससे हार्ट सही तरीके से ब्लड पंप नहीं कर पाता।

Health Updates: बैठे-बैठे दिल की धड़कन तेज होने के संभावित कारण

तनाव और चिंता

ज़्यादा मेंटल स्ट्रेस, घबराहट या पैनिक अटैक हार्ट रेट को अचानक बढ़ा सकते हैं।

कैफीन, शराब और धूम्रपान

चाय, कॉफी, अल्कोहल या सिगरेट का अधिक सेवन दिल की गति को असामान्य बना देता है।

दवाओं के साइड इफेक्ट्स

Health Updates: कुछ मेडिकेशन, खासकर हार्ट या थायराइड से जुड़ी दवाएं, दिल की धड़कन पर असर डाल सकती हैं।

दिल की मांसपेशियों में गड़बड़ी

पहले से मौजूद हार्ट डिज़ीज़, जैसे कार्डियोमायोपैथी, बैठे-बैठे धड़कन बढ़ने की वजह हो सकती है।

डिहाइड्रेशन

शरीर में पानी की कमी होने पर खून का प्रवाह धीमा हो जाता है, जिससे दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और धड़कन तेज हो जाती है।

इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन

पोटैशियम, मैग्नीशियम, सोडियम जैसे मिनरल्स का असंतुलन हार्टबीट को बिगाड़ सकता है।

हाइपरथायरायडिज़्म

Health Updates: थायराइड ग्रंथि की अधिक सक्रियता मेटाबॉलिज़्म को तेज कर देती है, जिससे आराम के समय भी हार्ट रेट बढ़ सकता है।

लो ब्लड शुगर

ब्लड शुगर लेवल अचानक गिरने पर घबराहट, पसीना और तेज धड़कन महसूस हो सकती है, खासकर डायबिटीज के मरीजों में।

हृदय संबंधी बीमारियां

हाई ब्लड प्रेशर, कोरोनरी आर्टरी डिजीज जैसी समस्याओं में बैठे-बैठे भी हार्टबीट बढ़ सकती है, जिसे अनदेखा करना खतरनाक है।

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