Haridwar Stampede: उत्तराखंड के धार्मिक नगरी हरिद्वार से रविवार, 27 जुलाई 2025 को एक बेहद दर्दनाक हादसा सामने आया। प्रसिद्ध शक्ति पीठ मनसा देवी मंदिर में सुबह तकरीबन साढ़े नौ बजे भगदड़ मच जाने से सात श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि तीन दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए।
मृतकों में एक मासूम बच्चा भी शामिल है। श्रावण मास के अंतिम रविवार और शिवरात्रि के बाद भीड़ का असामान्य रूप से जुटना इस घटना का प्रमुख कारण माना जा रहा है।
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Haridwar Stampede: कैसे हुआ हादसा?
Haridwar Stampede: प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रविवार की सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मंदिर परिसर में उमड़ पड़ी थी। कावड़ मेले के चलते आमतौर पर जल अर्पण के बाद कावड़िए हरिद्वार नहीं रुकते।
लेकिन इस बार बड़ी संख्या में कावड़ यात्री जल चढ़ाने के बाद भी हरिद्वार पहुंचे और मनसा देवी मंदिर के दर्शन के लिए उमड़ पड़े। बताया जा रहा है कि मंदिर मार्ग पर भीड़ के बीच अचानक करंट फैलने की अफवाह फैली, जिससे भगदड़ मच गई।
इस अफवाह की पुष्टि के लिए ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंता प्रदीप चौधरी मौके पर पहुंचे और तार टूटने या करंट फैलने की आशंका को पूरी तरह खारिज किया।
उन्होंने साफ कहा कि विद्युत आपूर्ति में कोई तकनीकी खामी नहीं पाई गई है और यह पूरी तरह अफवाह पर आधारित दहशत थी जिसने स्थिति को भयावह बना दिया।
Haridwar Stampede: राहत और बचाव कार्य
Haridwar Stampede: घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ, उत्तराखंड पुलिस, स्थानीय पुलिस और अन्य राहत दल मौके पर पहुंच गए। हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि घटना मंदिर के सीढ़ी मार्ग पर लगभग 100 मीटर पहले हुई।
कुल 35 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, जिनमें 15 की हालत गंभीर बताई गई है और उन्हें उच्च चिकित्सा केंद्रों में रेफर किया गया है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि भीड़ नियंत्रण के पर्याप्त इंतजाम होने के बावजूद अचानक आई भीड़ और अफवाहों ने हालात बिगाड़ दिए। उन्होंने कहा कि मृतकों की पहचान की जा रही है और घायलों को हरसंभव सहायता दी जा रही है।
राष्ट्र और राज्य के शीर्ष नेताओं की संवेदनाएँ
Haridwar Stampede: इस दर्दनाक हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर गहरा शोक प्रकट करते हुए लिखा:
हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर के मार्ग में भगदड़ की दुर्घटना में अनेक श्रद्धालुओं की मृत्यु का समाचार बहुत पीड़ादायक है। मैं सभी शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं। प्रार्थना करती हूं कि घायल श्रद्धालु शीघ्र स्वस्थ हों।”
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी शोक व्यक्त करते हुए लिखा:
Haridwar Stampede: मनसा देवी मंदिर मार्ग में भगदड़ मचने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है। एसडीआरएफ, उत्तराखंड पुलिस और अन्य राहत दल मौके पर हैं।
मैं स्थानीय प्रशासन के निरंतर संपर्क में हूं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। माता रानी से सभी श्रद्धालुओं की कुशलता की प्रार्थना करता हूं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख प्रकट किया है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
Haridwar Stampede: भीड़ प्रबंधन पर उठे सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर तीर्थ स्थलों पर भीड़ प्रबंधन की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। श्रावण मास जैसे पर्वों में तीर्थ स्थलों पर प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत होती है।
करंट जैसी अफवाहें भीड़ में तेजी से फैलती हैं और भगदड़ का कारण बन जाती हैं, जिसकी रोकथाम के लिए जन-जागरूकता और तकनीकी निगरानी अनिवार्य हो गई है।
इस हृदयविदारक घटना ने हरिद्वार को शोक में डुबो दिया है। श्रद्धालु अभी भी गहरे सदमे में हैं और प्रशासन इस त्रासदी के कारणों की जांच में जुटा है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।