गाजा-इजरायल सीजफायर: गाजा में इजरायल और हमास के बीच हुए शांति समझौते के बाद जब सभी बंधकों को रिहा किया गया, तो नेपाल के रहने वाले विपिन जोशी का नाम उस सूची में नहीं था।
इस खबर से उनके परिवार की उम्मीदें टूट गईं। दो साल से वे अपने बेटे के लौटने का इंतज़ार कर रहे थे, लेकिन अब हमास ने आधिकारिक रूप से विपिन जोशी की मौत की पुष्टि कर दी है।
संगठन ने यह भी कहा है कि उनका शव इजरायल को सौंपा जाएगा, जिसके बाद नेपाल सरकार उनके पार्थिव शरीर को स्वदेश लाने की प्रक्रिया शुरू करेगी।
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गाजा-इजरायल सीजफायर: विपिन की कैसे हुई मौत
विदेशी मीडिया अल जजीपा के रिपोर्ट के मुताबिक, हमास द्वारा सौंपे जा रहे शव की पहचान विपिन के रूप में की गई है। यह खबर सुनकर नेपाल में हर कोई स्तब्ध है,
क्योंकि पिछले महीने ही हमास ने जो तस्वीरें और वीडियो जारी किए थे, उनमें विपिन जिंदा नजर आए थे। 21 सितंबर तक वे बिल्कुल स्वस्थ दिख रहे थे,
इसलिए अब यह सवाल उठ रहा है कि अचानक उनकी मौत कैसे हुई? क्या उनकी हत्या की गई? और अगर हां, तो क्यों जबकि उनका न तो हमास से कोई संबंध था और न ही इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष से।
कैसे हुआ था अपहरण
7 अक्टूबर 2023 को जब हमास ने इजरायल पर अचानक हमला किया था, तब उस हमले में नेपाल के 10 नागरिकों की मौत हो गई थी।
इनमें से कई लोग इजरायल के अलुमिम किबुत्ज़ में काम कर रहे थे, जहां विपिन जोशी भी मजदूर के तौर पर तैनात थे।
हमले के दौरान हमास के लड़ाकों ने वहां मौजूद कई विदेशियों को बंधक बना लिया था, जिनमें विपिन भी शामिल थे। उस दिन के बाद से ही उनका कोई अता-पता नहीं चला।
उनके परिवार ने लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी रिहाई की गुहार लगाई।
अगस्त 2024 में उनकी मां पद्मा जोशी और 17 वर्षीय बहन पुष्पा इजरायल पहुंचीं और तेल अवीव के होस्टेज स्क्वायर में आयोजित रैली में शामिल हुईं।
उन्होंने अन्य बंधकों के परिवारों के साथ मिलकर दुनिया से अपील की कि उनके बेटे को सुरक्षित वापस लाया जाए।
विपिन की बहादुरी ने सबका दिल जीता
हमले के दिन विपिन जोशी ने असाधारण बहादुरी दिखाई थी। उनके साथ काम करने वाले नेपाली छात्रों ने बताया कि जब हमास के लड़ाकों ने फार्म पर हमला किया,
तो विपिन ने निडर होकर एक ग्रेनेड उठाया और उसे हमास की ओर फेंक दिया। इस साहसिक कदम से कई लोगों की जान बच गई। हालांकि, इसके बाद हमास के लड़ाके उन्हें पकड़कर अपने साथ ले गए।
वीडियो से मिली थी उम्मीद
हमास ने कुछ महीनों बाद कई वीडियो जारी किए थे, जिनमें कुछ बंधकों को दिखाया गया था। इन्हीं में एक वीडियो में विपिन जोशी भी नजर आए।
वह एक अस्पताल के कमरे में बैठे मुस्कुरा रहे थे और अपना नाम बता रहे थे। यह देखकर उनके परिवार को लगा कि वे जिंदा हैं और जल्द ही घर लौट आएंगे,
लेकिन अब हमास के ताजा बयान ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
मौत पर उठे सवाल
हमास ने यह तो स्वीकार किया कि विपिन जोशी अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी मौत का कारण नहीं बताया।
यह भी साफ नहीं किया गया कि उनकी हत्या की गई या वे किसी बीमारी या बमबारी में मारे गए।
नेपाल सरकार ने इस मामले में इजरायल और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।