Wednesday, December 24, 2025

Hair care: तेल मालिश का सही तरीका, झड़ते बालों से बचाव का आयुर्वेदिक तरीका

Hair care: योग और आयुर्वेद जैसी भारतीय परंपराएं आज पूरी दुनिया में अपनाई जा रही हैं। इन्हीं में से एक है बालों में तेल लगाने की प्राचीन कला, जो अब पश्चिमी देशों में भी लोकप्रिय हो रही है।

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भारत में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और आयुर्वेद में इसे केवल सुंदरता नहीं, बल्कि सेहत से भी जोड़ा गया है।

Hair care: बालों में तेल लगाना क्यों जरूरी

आयुर्वेद करीब 5000 साल पुराना विज्ञान है, जिसकी शुरुआत भारत में हुई थी। इसमें बालों की देखभाल को शरीर, मन और आत्मा से जोड़ा गया है।

बालों में तेल लगाने की प्रक्रिया में स्कैल्प पर तेल डालकर हल्के हाथों से मालिश की जाती है। इससे तेल जड़ों तक पहुंचता है और बालों को गहराई से पोषण मिलता है।

आयुर्वेद मानता है कि जब शरीर अंदर से संतुलित रहता है, तभी बाल भी स्वस्थ रहते हैं। इसलिए आयुर्वेदिक हेयरकेयर रूटीन अपनाने से बालों की सेहत लंबे समय तक बनी रहती है।

बालों में तेल लगाने के आसान फायदे

बालों में तेल लगाने से स्कैल्प और बालों को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। इससे बालों का रूखापन और फ्रिज कम होता है और बाल मुलायम बनते हैं।

तेल मालिश से सिर में खून का बहाव बेहतर होता है, जिससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और बालों का गिरना कम होता है।

इसके अलावा स्कैल्प पर तेल लगाने से डैंड्रफ की समस्या भी घटती है और सिर की त्वचा स्वस्थ रहती है।

नियमित तेल मालिश से बालों में प्राकृतिक चमक आती है। साथ ही यह तनाव और मानसिक थकान को कम करने में भी मदद करती है।

शास्त्रों में सिर पर तेल लगाने का महत्व

भारतीय शास्त्रों और आयुर्वेद में सिर पर तेल लगाने को केवल सौंदर्य से नहीं, बल्कि शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ से जोड़ा गया है।

इसे मूर्धा तैल अभ्यंग कहा जाता है। माना जाता है कि इससे दिमाग शांत रहता है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

शास्त्रों के अनुसार तेल लगाने के नियम

आयुर्वेद के अनुसार रोजाना सिर में तेल लगाना जरूरी नहीं है। हफ्ते में 1 से 2 बार तेल लगाना पर्याप्त माना गया है। रोज तेल लगाने से कफ दोष बढ़ सकता है, जिससे सर्दी-जुकाम की समस्या हो सकती है।

सिर में तेल लगाने का सबसे अच्छा समय सुबह नहाने से पहले बताया गया है। रात में तेल लगाकर सोना कुछ लोगों के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

सर्दियों में ज्यादा तेल लगाने से सिरदर्द और ठंड लगने की संभावना रहती है।

सही तेल का चुनाव क्यों जरूरी है?

हर तेल सिर की मालिश के लिए सही नहीं माना जाता।

नारियल तेल गर्मी और मानसिक तनाव कम करने में मदद करता है।

तिल का तेल वात दोष और सिरदर्द में लाभकारी होता है।

आंवला या ब्राह्मी तेल बालों की मजबूती और गुणवत्ता बढ़ाता है।

तेल लगाने के 40–45 मिनट बाद ही बाल धोने चाहिए, ताकि तेल का असर स्कैल्प और नसों तक पहुंच सके। तुरंत नहाने से पूरा लाभ नहीं मिलता।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार व्रत, अमावस्या और ग्रहण के समय सिर में तेल लगाना मना किया गया है। माना जाता है कि इन दिनों तेल लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ सकता है।

Madhuri
Madhurihttps://reportbharathindi.com/
पत्रकारिता में 6 वर्षों का अनुभव है। पिछले 3 वर्षों से Report Bharat से जुड़ी हुई हैं। इससे पहले Raftaar Media में कंटेंट राइटर और वॉइस ओवर आर्टिस्ट के रूप में कार्य किया। Daily Hunt के साथ रिपोर्टर रहीं और ETV Bharat में एक वर्ष तक कंटेंट एडिटर के तौर पर काम किया। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और एंटरटेनमेंट न्यूज पर मजबूत पकड़ है।
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