Rajasthan News: राजस्थान में गहलोत सरकार के समय बिना संसाधन आनन-फानन में खोले गए महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को अब बंद करने की तैयारी है। इसके लिए भजनलाल सरकार ने इन अंग्रेजी मीडियम स्कूलों की समीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है। गहलोत सरकार के कार्यकाल में शुरू किए गए 3741 अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को सरकार या तो बंद किया जा सकता है या अन्य स्कूलों में मर्ज किया जा सकता है। इस समीक्षा के लिए उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में एक कैबिनेट सब कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी में स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और खाद्य मंत्री सुमित गोदारा को सदस्य बनाया गया है।
विपक्ष में रहते भाजपा ने जताई थी आपत्ति
यह समिति सभी जिलों के अंग्रेजी मीडियम स्कूलों की स्थिति का आंकलन करेगी और अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर स्कूलों को बंद करने, हिंदी मीडियम में बदलने या मर्ज करने जैसे विकल्पों पर विचार किया जाएगा। भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए अंग्रेजी मीडियम स्कूलों की स्थापना पर सवाल उठाए थे। कई स्कूलों को हिंदी मीडियम से अंग्रेजी मीडियम में परिवर्तित कर दिया गया था, जिससे बच्चों और शिक्षकों को पढ़ाई-लिखाई में दिक्कतें हो रही थीं।
फैसले के पीछे ये हैं प्रमुख कारण
भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों की उपयोगिता और कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार ने इन स्कूलों के रिव्यू की घोषणा की थी। समीक्षा के दौरान स्कूलों की छात्र संख्या, संसाधनों की स्थिति और प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाएगा। रिपोर्ट के आधार पर स्कूलों को बंद करने, मर्ज करने, या सुधारात्मक कार्रवाई का फैसला किया जाएगा।
रिव्यू के बाद सरकार के पास होंगे ये विकल्प
1. ऐसे स्कूल जिनमें छात्रों की संख्या कम है और पर्याप्त स्टाफ या संसाधन नहीं हैं, उन्हें बंद करना।
2. कुछ स्कूलों को फिर से हिंदी मीडियम में परिवर्तित करना।
3. कम छात्रों वाले स्कूलों को अन्य स्कूलों में मर्ज करना।
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