Thursday, September 19, 2024

पाकिस्तान में मिला MPOX का पहला केस, जानिए इसके लक्षण और इलाज

Must read

MPOX Virus: WHO ने कोविद 19 के बाद अब मंकी पॉक्स को अब हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है । स्वास्थ्य एजेंसी ने इसे ‘ग्रेड 3 इमरजेंसी’ के रूप में स्वीकार किया है यानि कि इस पर बिना समय बर्बाद किये ध्यान देने की जरूरत है। जनवरी 2023 से लेकर अब तक 27,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और लगभग 1100 मौतें दर्ज की गई हैं। एम पॉक्स वायरस का मामला अभी तक सिर्फ अफ्रीका में ही देखने को मिल रहा था, लेकिन अब इसके मामले दूसरे देशों में भी दिखाई दे रहे है। हालही ही में इसका एक मामला पाकिस्तान में मिला है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

क्या है एम पॉक्स ?

एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है। एमपॉक्स को ही पहले मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता था। इसकी पहचान पहली बार वैज्ञानिकों ने सन् 1958 में की थी। जब बंदरों में ‘पॉक्स जैसी’ बीमारी देखने को मिली थी।

कैसे होता है एम पॉक्स

एमपॉक्स वायरल अधिकतर बार संक्रमित व्यक्ति या जानवर के साथ संपर्क में आने से फैलता है। यह एक इंसान से दूसरे इंसान में तब आता है जब संक्रमित व्यक्ति के डॉयरेक्ट कांटेक्ट में आते हो। मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में ज़्यादातर केसेस उन लोगों में देखे गए हैं जो संक्रमित जानवरों के कांटेक्ट में रहते थे।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह संक्रमण कपड़ों या लिनेन जैसी दूषित वस्तुओं के उपयोग,पब्लिक प्लेसेस जैसे पार्लर, मॉल में यूज होने वाली कॉमन वस्तुओ से भी फैल सकता है। अगर कोई संक्रमित जानवर किसी इंसान को काटता है तो भी यह वायरस फैल सकता है। हालाँकि, गनीमत है कि अभी तक यह वायरस भारत में नहीं पहुंचा है। मगर सभी को प्रीकॉशन्स रखने कि जरूरत है।

लक्षण

इस वायरस से संक्रमित स्याक्ति को खुद में कई लक्षण दिखने लगते है जैसे शरीर पर दाने हो जाना। यह अक्सर हाथ,पैर, छाती, चेहरे के पास होते है। ये दाने फुंसी वाले होते है और ठीक होने से पहले पपड़ी बनाते हैं। इसके अन्य लक्षण बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द होता है। इसके लक्षण चिकन पॉक्स के ही समान होते है।
कई मामलो में यह वायरस जानलेवा भी साबित हुआ है। एमपॉक्स के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 21 दिनों के अंदर दिखना शुरू होते हैं। बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में इस संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।

इलाज

एमपॉक्स का अभी तक कोई खास इलाज नहीं है। हालांकि, WHO इसके लिए दर्द और बुखार की दवा देने की सलाह देता है। इन् सबके बीच एक अच्छी खबर भी है। वो यह कि जिन लोगों को छोटी चेचक या चिकनपॉक्स हो चुका है या इससे संबंधित टिके लग चुके है, उनमें इस बीमारी का खतरा बहुत कम है।

यह भी पढ़े : कुछ इस तरह खींची गयी थी दुनिया की पहली तस्वीर, जाने तस्वीरों का इतिहास

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest article