Friday, December 26, 2025

केरल में बीजेपी का ऐतिहासिक कदम, तिरुवनंतपुरम को मिला पहला बीजेपी महापौर

केरल में बीजेपी का ऐतिहासिक कदम: केरल की राजनीति में एक बड़ा और ऐतिहासिक मोड़ देखने को मिला है।

तिरुवनंतपुरम में पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने महापौर पद पर कब्जा जमाकर राज्य की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है।

शुक्रवार, 26 दिसंबर को बीजेपी नेता वीवी राजेश ने तिरुवनंतपुरम के महापौर के रूप में शपथ ली।

इस घटनाक्रम को केरल की शहरी राजनीति में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि अब तक यह शहर वामपंथी दलों का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है।

केरल में बीजेपी का ऐतिहासिक कदम: शहर के हर वार्ड में समान रूप से विकास

पदभार संभालने के बाद अपने पहले संबोधन में वीवी राजेश ने समावेशी राजनीति और विकास पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता सभी को साथ लेकर चलने की होगी और शहर के हर वार्ड में समान रूप से विकास कार्य किए जाएंगे।

राजेश ने भरोसा दिलाया कि तिरुवनंतपुरम को एक आधुनिक और विकसित शहर बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

उन्होंने साफ कहा कि राजनीति से ऊपर उठकर जनता के हित में काम करना उनकी जिम्मेदारी होगी।

राजधानी के सभी 101 वार्डों में विकास योजनाएं लागू

नए महापौर ने यह भी ऐलान किया कि राजधानी के सभी 101 वार्डों में विकास योजनाएं लागू की जाएंगी।

बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करना, शहरी ढांचे को बेहतर बनाना और नागरिक सेवाओं में सुधार उनकी प्राथमिकताओं में शामिल रहेगा।

खास बात यह है कि वीवी राजेश ऐसे समय में महापौर बने हैं, जब केरल विधानसभा चुनाव में छह महीने से भी कम समय शेष है।

ऐसे में उनकी यह जीत आगामी चुनावों से पहले बीजेपी के लिए मनोबल बढ़ाने वाली मानी जा रही है।

बीजेपी केरल विधानसभा में केवल एक ही बार विधायक भेज पाई

केरल में बीजेपी की राजनीतिक यात्रा लंबे संघर्ष से भरी रही है। वर्षों तक पार्टी को यहां सीमित जनसमर्थन ही मिला और राज्य की राजनीति पर वाम दलों और कांग्रेस का दबदबा बना रहा।

अब तक बीजेपी केरल विधानसभा में केवल एक ही बार विधायक भेज पाई है। ओ. राजगोपाल ने 2016 में नेमोम सीट जीतकर इतिहास रचा था।

वहीं लोकसभा में पार्टी को हाल ही में सफलता मिली, जब अभिनेता सुरेश गोपी ने 2024 के आम चुनाव में त्रिशूर सीट जीतकर बीजेपी को राज्य में पहली संसदीय जीत दिलाई।

पी. राधाकृष्णन का समर्थन बीजेपी के लिए निर्णायक

महापौर चुनाव के आंकड़े भी इस जीत की अहमियत को दर्शाते हैं। 100 सदस्यीय परिषद में बीजेपी उम्मीदवार वीवी राजेश को 51 वोट मिले, जो बहुमत से एक अधिक थे।

सीपीआईएम के उम्मीदवार आरपी शिवाजी को 29 वोट मिले, जबकि कांग्रेस नीत यूडीएफ के उम्मीदवार केएस सबरीनाथन को 19 वोटों पर संतोष करना पड़ा।

एक पार्षद मतदान में शामिल नहीं हुआ। इस चुनाव में एक निर्दलीय पार्षद पी. राधाकृष्णन का समर्थन बीजेपी के लिए निर्णायक साबित हुआ, जिससे पार्टी को बहुमत हासिल करने में मदद मिली।

45 वर्षों का नियंत्रण इस जीत के साथ समाप्त हो गया

वीवी राजेश का महापौर बनना केरल की शहरी राजनीति में बीजेपी के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत माना जा रहा है।

तिरुवनंतपुरम नगर निगम पर सीपीआईएम का लगभग 45 वर्षों का नियंत्रण इस जीत के साथ समाप्त हो गया है।

यह बदलाव केवल एक पद तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके दूरगामी राजनीतिक संकेत भी देखे जा रहे हैं।

शपथ ग्रहण समारोह के बाद केरल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने वाम दलों पर तीखा हमला बोला।

उन्होंने आरोप लगाया कि सीपीआईएम ने कांग्रेस के परोक्ष समर्थन से राजधानी को वर्षों तक नुकसान पहुंचाया।

उनके अनुसार, बीजेपी की यह जीत जनता की नाराजगी और बदलाव की इच्छा को दर्शाती है।

कुल मिलाकर, तिरुवनंतपुरम में बीजेपी की यह सफलता केरल की राजनीति में नए समीकरणों की ओर इशारा कर रही है।

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Madhuri
Madhurihttps://reportbharathindi.com/
पत्रकारिता में 6 वर्षों का अनुभव है। पिछले 3 वर्षों से Report Bharat से जुड़ी हुई हैं। इससे पहले Raftaar Media में कंटेंट राइटर और वॉइस ओवर आर्टिस्ट के रूप में कार्य किया। Daily Hunt के साथ रिपोर्टर रहीं और ETV Bharat में एक वर्ष तक कंटेंट एडिटर के तौर पर काम किया। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और एंटरटेनमेंट न्यूज पर मजबूत पकड़ है।
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