Waqf Board possession in Karnataka: कर्नाटक में वक्फ बोर्ड द्वारा विजयपुरा जिले में किसानों की 1200 एकड़ जमीन पर दावा ठोके जाने के बाद से हड़कंप है। इस बीच जानकारी सामने आई है कि इस मामले में वक्फ की भूमिका संदिग्ध है। कहा जा रहा है कि किसानों की जमीन के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रातोंरात वक्फ का नाम जोड़ने का काम हुआ है वरना पहले रिकॉर्डों में ये नाम नहीं था। दस्तावेजों में छेड़छाड़ की बात का खुलासा सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में किया है। उनके अलावा इस मामले की जानकारी भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर भी दी।
44 संपत्तियों के भूमि अभिलेखों में किया वक्फ का नाम शामिल
अमित मालवीय ने बताया कि पिछले तीन हफ्तों में 44 संपत्तियों के भूमि अभिलेखों में वक्फ बोर्ड का नाम शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव रातोंरात हुआ और इसके लिए आरटीसी (अधिकारों का रिकॉर्ड, किरायेदारी और फसलों का रिकॉर्ड) में म्यूटेशन किया गया। इस प्रक्रिया में किसानों को कोई सूचना नहीं दी गई थी, जिससे वे हैरान हैं।
कर्नाटक सरकार ने लिया यूटर्न, मानी गलती
वहीं किसानों द्वारा इस मामले में आवाज उठाए जाने के बाद कर्नाटक सरकार ने भी इस पर यूटर्न लिया है। राज्य के कानून मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि राजपत्रित अधिसूचना (गजट नोटिफिकेशन) में त्रुटि के कारण ऐसा हुआ। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का कोई इरादा किसानों की भूमि को वक्फ संपत्ति में बदलने का नहीं है और यदि कोई गलती हुई है तो उसे ठीक किया जाएगा।
‘कांग्रेस ने विशेष समुदाय को खुश करने को किया यह सब’
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में विजयपुरा में किसानों को उनकी जमीन खाली करने के लिए नोटिस मिला था। जिसके बाद उन्होंने इस मुद्दे पर प्रदर्शन कर चेतावनी दी थी कि अगर उनकी जमीनें वक्फ को सौंपी गईं तो उनके पास जीविका चलाने का कोई विकल्प नहीं बचेगा। कई किसान नेताओं ने यह आरोप लगाया था कि कांग्रेस ऐसे काम एक विशेष समुदाय के लोगों को खुश करने के लिए उठा रही है।