Tuesday, July 29, 2025

Fake Surrogacy Racket: हैदराबाद में फर्जी सरोगेसी रैकेट का पर्दाफाश, डॉक्टर समेत 8 गिरफ्तार

Fake Surrogacy Racket: हैदराबाद में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ सरोगेसी के नाम पर चल रहे एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ।

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डीएनए टेस्ट में सच्चाई सामने आने के बाद यह खुलासा हुआ कि दंपत्ति को दिया गया बच्चा जैविक रूप से उनका नहीं था, बल्कि उसे एक गरीब परिवार से खरीदा गया था।

संदेह से शुरू हुई जांच

Fake Surrogacy Racket: जून 2025 में एक दंपति ने सरोगेसी प्रक्रिया के बाद बच्चे को जन्म लेने की सूचना पाई। लेकिन संदेह होने पर उन्होंने दिल्ली के वसंत कुंज स्थित फोरेंसिक लैब में डीएनए परीक्षण कराया, जिसमें यह साबित हुआ कि बच्चे का उनसे कोई जैविक संबंध नहीं है।

जब उन्होंने क्लिनिक से जवाब माँगा तो प्रमुख डॉक्टर डॉ. अथलुरी नम्रता ने पहले उनका संपर्क ब्लॉक कर दिया और फिर किसी भी दस्तावेज़ देने से मना कर दिया।

पुलिस में शिकायत और छापेमारी

निराश दंपति ने 26 जुलाई को गोपालपुरम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ गोपालपुरम प्रजनन केंद्र पर छापा मारा और केंद्र को सील कर दिया। छापे में बिना लाइसेंस के चिकित्सा उपकरण, जीवित भ्रूण और अवैध आईवीएफ प्रक्रियाओं के प्रमाण मिले।

Fake Surrogacy Racket: सरोगेसी के नाम पर शिशु बिक्री

पुलिस जांच में सामने आया कि डॉ. नम्रता और उनकी टीम सरोगेसी के नाम पर निःसंतान दंपत्तियों को ठगते थे। वास्तव में कोई सरोगेसी प्रक्रिया नहीं हो रही थी। आरोपी गरीब गर्भवती महिलाओं से शिशु खरीदकर दंपत्तियों को बेच देते थे।

शिकायतकर्ता को दिया गया बच्चा भी मात्र दो दिन का था और उसके जैविक माता-पिता को 90,000 रुपये का भुगतान किया गया था।

गिरफ्तारियां और नेटवर्क

Fake Surrogacy Racket: हैदराबाद पुलिस ने 27 जुलाई को डॉ. नम्रता (64) सहित कुल 8 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें सरकारी गांधी अस्पताल के एनेस्थेटिस्ट डॉ. नरगुला सदानंदम (41), एजेंट, तकनीशियन, डॉ. नम्रता का बेटा जयंत कृष्णा (25) और शिशु के जैविक माता-पिता मोहम्मद अली आदिक (38) व नसरीन बेगम (25) शामिल हैं।

पता चला कि नम्रता के हैदराबाद, विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम में तीन और क्लिनिक चल रहे थे, जिन पर भी छापे मारे गए।

पिछला विवादित इतिहास

डॉ. नम्रता पहले भी विवादों में रही हैं। 2016 में अमेरिका के एनआरआई दंपति की शिकायत के बाद उनका मेडिकल लाइसेंस 5 साल के लिए निलंबित हुआ था।

2020 में भी विजाग पुलिस ने उन्हें नवजात शिशुओं की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ पहले से ही 10 से अधिक मामले दर्ज हैं।

अवैध व्यावसायिक सरोगेसी

पुलिस ने बताया कि आरोपी व्यावसायिक सरोगेसी में शामिल थे, जबकि भारत में केवल परोपकारी (Altruistic) सरोगेसी कानूनी है। यह नेटवर्क लालच देकर गरीब महिलाओं से बच्चे खरीदकर उन्हें निःसंतान दंपत्तियों को बेचने का गोरखधंधा कर रहा था।

Fake Surrogacy Racket: राज्य मानवाधिकार आयोग की कार्रवाई

मीडिया रिपोर्टों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग ने सिकंदराबाद स्थित यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर और इससे जुड़े सभी क्लिनिकों की जाँच के आदेश दिए हैं।

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