ट्रंप के बयान पर देवेगौड़ा का तीखा हमला: ‘इतिहास में ऐसा असभ्य राष्ट्रपति नहीं देखा’
पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और भारतीय अर्थव्यवस्था पर दिए गए बयान की कड़ी आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि ट्रंप के बेतुके और असंवेदनशील बयान से वह भी उतने ही हैरान हैं जितना कि देश का हर नागरिक है।
देवेगौड़ा ने कहा कि आधुनिक इतिहास में शायद ही कोई ऐसा राष्ट्राध्यक्ष हुआ हो, जिसने इस प्रकार की अस्थिरता, असभ्यता और गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाया हो।
उन्होंने ट्रंप को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भारत का एक सामान्य व्यापारी या गरीब किसान भी उन्हें गरिमा, ईमानदारी और मानवता का पाठ पढ़ा सकता है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि ट्रंप की धमकी के आगे भारत ने झुकने से इनकार कर दिया और राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता नहीं किया।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने छोटे और मंझोले व्यापारों के साथ-साथ कृषि क्षेत्र की पूरी तरह रक्षा की है।
देवेगौड़ा ने कहा कि भारत की लगभग आधी से अधिक जनसंख्या इन क्षेत्रों पर निर्भर करती है और मोदी सरकार के इस सशक्त निर्णय से एक अभूतपूर्व राष्ट्रीय पुनर्जागरण की शुरुआत होगी। उन्होंने इसे भारत के आत्मसम्मान और स्वाभिमान की विजय बताया।
उन्होंने कुछ विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग ट्रंप के बयानों पर प्रसन्नता प्रकट कर रहे हैं और खुद को उनके प्रवक्ता के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं, उन्हें आत्ममंथन की आवश्यकता है।
देवेगौड़ा ने चेतावनी दी कि ऐसी राजनीति उनके लिए आत्मघाती सिद्ध हो सकती है और अंततः वे ट्रंप के साथ इतिहास के कूड़ेदान में पहुँच जाएंगे।
पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा का पूरा पत्र
“भारत का एक छोटा व्यापारी और एक गरीब किसान भी, जो अत्यंत गरिमा, ईमानदारी और मानवता के साथ अपना व्यवसाय करता है, श्री ट्रंप को कई पाठ पढ़ा सकता है।”
जैसे बाकी सभी लोग, वैसे ही मैं भी अमेरिका के राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रंप की भारत और भारतीय अर्थव्यवस्था पर की गई निराधार और बदतमीज़ टिप्पणियों से चकित हूँ। मुझे नहीं लगता कि आधुनिक इतिहास में ऐसा कोई और राष्ट्राध्यक्ष रहा है जो इतना अस्थिर, असभ्य और गैर-जिम्मेदार रहा हो।
श्री ट्रंप ने केवल भारत के साथ ही नहीं, बल्कि विश्व के हर अन्य देश के साथ भी बुरा व्यवहार किया है। उन्होंने अपने पुराने और भरोसेमंद सहयोगियों तक को नहीं छोड़ा है। उनके भीतर कुछ मौलिक रूप से गलत है जिसे न तो तर्क, न कूटनीति और न ही राज्यचालन की कला पहचान सकती है या सुधार सकती है। उनके इस उग्र स्वभाव पर इससे अधिक कुछ कहना शायद उचित नहीं होगा, क्योंकि ऐसा करना हमारे अपने स्तर को गिराने जैसा होगा। भारत का एक छोटा व्यापारी और एक गरीब किसान भी, जो अत्यंत गरिमा, ईमानदारी और मानवता के साथ अपना व्यवसाय करता है, श्री ट्रंप को कई पाठ पढ़ा सकता है।
भारत एक संप्रभु राष्ट्र है जो विविधतापूर्ण और लोकतांत्रिक है। स्वतंत्रता के बाद से ही भारत ने हमेशा अपने सर्वोच्च राष्ट्रीय हित में कार्य किया है। इसमें ईश्वरप्रदत्त सामर्थ्य और क्षमता है कि वह अपने मार्ग में आने वाली सभी कठिनाइयों से निपटे और पहले से अधिक सशक्त बनकर उभरे। मुझे अत्यंत प्रसन्नता और गर्व है कि भारत ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपने राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता नहीं किया है। उसने श्री ट्रंप की धौंसपट्टी के सामने न तो आँख झपकाई और न ही पीछे हटा, और यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत किसी धमकी के आगे कभी झुकेगा नहीं। इसके विपरीत, मोदी सरकार ने भारतीय कृषि क्षेत्र तथा लघु और मध्यम उद्योगों की सुरक्षा के लिए पूरी शक्ति से प्रयास किया है, जिन पर देश की आधे से अधिक जनसंख्या निर्भर करती है। मोदी सरकार का यह सख्त और स्पष्ट रुख एक अभूतपूर्व राष्ट्रीय पुनर्जागरण का मार्ग प्रशस्त करेगा।
भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था रहा है और आज यह वैश्विक स्तर पर पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। श्री ट्रंप या तो अंधे हैं या फिर उन्हें ग़लत जानकारी दी गई है कि वे हमारी अर्थव्यवस्था को ‘मृत’ करार दे रहे हैं। कुछ विपक्षी नेताओं के लिए एक चेतावनी है जिन्होंने श्री ट्रंप के बयानों पर आनंदित होते हुए उन्हें भारत में अपना गुमराह प्रवक्ता मान लिया है। मैं उनकी निराशा को समझ सकता हूँ, लेकिन उन्हें स्वयं को और अपनी पार्टियों को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहिए, नहीं तो वे बहुत जल्द श्री ट्रंप के साथ इतिहास के कूड़ेदान में स्थान पाएँगे।