Elon Musk Political Party: अमेरिकी व्यापारी एलन मस्क ने अमेरिका में अपनी एक राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा कर दी है। मस्क ने कहा है कि उन्होंने ‘अमेरिका पार्टी’ बनाने का फैसला किया है। मस्क ने यह घोषणा करने से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोल भी किया था। इस पोल में 66 प्रतिशत लोगों ने कहा था कि वो अमेरिका में नई पॉलीटिकल पार्टी चाहते हैं।
मस्क ने अपनी पार्टी की घोषणा करते हुए रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक अमेरिकी को दो मुख्य राजनीतिक पार्टियां को आड़े हाथों भी लिया। उन्होंने कहा कि जब बात अमेरिका को बर्बाद करने और भ्रष्टाचार की आती है तो अमेरिका में दोनों पार्टी (रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक) एक ही जैसी हैं। अब देश को 2 पार्टी सिस्टम से आजादी मिलेगी।
इसके पीछे सबसे बड़ी वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का महत्वाकांक्षी ‘वन बिग ब्यूटिफुल बिल’ है, जो अमेरिकी संसद से पास हो गया है। बिग ब्यूटिफुल बिल को टैक्स छूट और व्यय कटौती विधेयक के नाम से जाना जाता है।
Elon Musk Political Party: मस्क का मानना है कि ये बिल प्रदूषण फैलाने वाले फॉसिल फ्यूल और मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज को फायदा पहुंचा रहा है, जबकि टेक्नोलॉजी और इनोवेशन सेक्टर को नुकसान। इतना ही नहीं टेस्ला के सीईओ ने धमकी दी है कि वो इस बिल का समर्थन करने वाले सांसदों के खिलाफ प्राइमरी चुनौती में उतरेंगे।
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Elon Musk Political Party: क्या है मस्क की पार्टी का एजेंडा?
भले ही मस्क ने अपनी नई पार्टी का एजेंडे दुनिया से साझा नहीं किया है, लेकिन उन्होंने साफा कहा है कि हमारी पार्टी राजनीतिक स्वतंत्रता और सिस्टम की आजादी की बात करेगी। वहीं, पार्टी टैक्सपेयर के पैसों के इस्तेमाल, शासन कुशलता और टेक्नोलॉजी आधारित गवर्नेंस पर फोकस करेगी।
जब ट्रंप-मस्क के बीच छिड़ी जुबानी जंग
Elon Musk Political Party: मस्क की नाराजगी पर ट्रंप ने कहा कि जब हमने अनिवार्य तौर पर इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के कानून में कटौती करने की बात कही तो मस्क को दिक्कत होने लगी। मैं मस्क से बहुत निराश हूं। मैंने उनकी बहुत मदद की है।
इसके बाद मस्क ने ट्रंप को एहसान फरामोश तक बता डाला। मस्क ने तो यहां तक कह दिया कि अगर उन्होंने मदद न की होती तो ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव हार जाते। इतना ही नहीं उन्होंने ट्रंप पर महाभियोग चलाने तक की बात कही थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप को राष्ट्रपति बनाने के लिए मस्क ने करीब 2500 करोड़ रुपए खर्च किए। ट्रंप ने भी चुनाव जीतने के बाद मस्क को एक अहम जिम्मेदारी दी।
मस्क को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DoGE) का प्रमुख बनाया गया। यह डिपार्टमेंट, इसलिए बनाया गया ताकि अमेरिका में हो रहे फिजूल सरकारी खर्चों पर लगाम लगाया जा सके।
Elon Musk Political Party: अब सवाल है कि क्या साल 2028 में एलन मस्क राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगे? सोशल मीडिया पर यूजर्स ने मस्क से पूछा कि क्या उनकी पार्टी मिड टर्म के चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाएगी तो उन्होंने कहा कि हां, अगले साल उनकी पार्टी मिड टर्म में सक्रिय होगी।
अमेरिका का राष्ट्रपति क्यों नहीं बन सकते मस्क?
Elon Musk Political Party: दरअसल, अमेरिकी संविधान के मुताबिक, कोई भी शख्स जिसका जन्म अमेरिका में हुआ हो, वो राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ सकता है। यानी अगर किसी व्यक्ति का जन्म वहां न हुआ हो तो वो चुनाव नहीं लड़ सकता। बता दें कि एलन मस्क का जन्म साउथ अफ्रीका में हुआ है।
मस्क ने पहले ही यह कबूल कर लिया है कि उनकी दादी अमेरिकी नागरिक थीं, लेकिन उनका जन्म साउथ अफ्रीका में हुआ। इसलिए वो अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं बन सकते। साल 2002 में उन्हें अमेरिकी नागरिकता मिली थी। उन्होंने 2024 में पुष्टि की कि “मैं अपने अफ्रीकी जन्म के कारण राष्ट्रपति नहीं बन सकता।
भले ही अमेरिका में मल्टी पार्टी सिस्टम है। रिफॉर्म , लिबर्टेरियन पार्टी , सोशलिस्ट पार्टी , नेचुरल लॉ पार्टी, कॉन्स्टिट्यूशन पार्टी और ग्रीन पार्टी जैसी पार्टियां भी चुनाव लड़ती रही हैं।
लेकिन, अमेरिकी की आजादी के बाद देश में मुख्य तौर पर दो ही दलों का ही दबदबा रहा है। रिपब्लिकन, डेमोक्रेटिक पार्टी हमेशा से ही देश की राजनीति पर हावी रहे हैं। दोनों पार्टियां के बीच सत्ता परिवर्तन होता रहा है।
Elon Musk Political Party: छोटी पार्टियों के लिए चुनाव लड़ना इतना आसान नहीं
अमेरिका में छोटी पार्टियों के लिए चुनाव लड़ना इतना आसान काम नहीं है। दरअसल, डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों का नाम तो स्वचालित रूप से जनरल इलेक्शन बैलेट पर शामिल कर लिया जाता है, लेकिन छोटी पार्टियों को बैलेट पर नाम डलवाने के लिए पर्याप्त संख्या में रजिस्टर्ड वोटर्स के हस्ताक्षर की जरूरत पड़ती है। यह बेहद खर्चीला प्रोसेस है।
Elon Musk Political Party: वहीं, डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों को आम चुनाव के लिए पूर्ण संघीय वित्तीय मदद मिलती है, लेकिन एक छोटी पार्टी को इस फेडरल फंड का एक हिस्सा तभी मिलेगा जब उसके उम्मीदवार ने पिछले राष्ट्रपति चुनाव में 5 फीसदी से अधिक वोट हासिल किए हों।
गेम चेंजर साबित हो चुकी हैं छोटी पार्टियां
भले ही छोटी पार्टियों के उम्मीदवारों का राष्ट्रपति बनना बहुत ही मुश्किल है, लेकिन ये पार्टियां कई बार गेम चेंजर साबित हो चुकी हैं।
दरअसल, 1912 के राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व रिपब्लिकन राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट ने रिपब्लिकन राष्ट्रपति विलियम हॉवर्ड टाफ्ट के खिलाफ चुनाव लड़ा था। रूजवेल्ट के चुनाव लड़ने से रिपब्लिकन पार्टी के वोट बंट गए।
नतीजा यह हुआ कि डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार वुडरो विल्सन महज 42 फीसदी वोट के साथ राष्ट्रपति चुनाव जीतने में कामयाब हो गए।
Elon Musk Political Party: वहीं, साल 2000 में ग्रीन पार्टी के उम्मीदवार राल्फ नादर को भले ही 2.7 फीसदी वोट ही मिला, लेकिन इसी वोट प्रतिशत की वजह से रिपब्लिकन उम्मीदवार जॉर्ज डब्ल्यू बुश राष्ट्रपति चुनाव में बाजी मार गए। अगर नादर मैदान में नहीं होते तो डेमोक्रेट प्रत्याशी अल गोर की जीत हो सकती थी।