Rising Rajasthan Pre-Summit: राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था अब हाइटैक और डिजिटल होगी। स्मार्ट क्लास रूम से लेकर विश्व स्तरीय स्कूल-कॉलेज खुलने का मार्ग अब राजस्थान में प्रशस्त हो चुका है। बुधवार को राजधानी के एक होटल में शिक्षा को लेकर राइजिंग राजस्थान प्री समिट का आयोजन हुआ। इस समिट में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की मौजूदगी में 507 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे 28 हजार करोड़ का निवेश आएगा।
उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कौशल एवं उद्यमिता विभाग तथा खेल एवं युवा मामलात के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सम्मेलन में शिक्षा क्षेत्र के भामाशाह, दानदाता और हितधारक एक ही छत के नीचे दिखाई दिए। उन्होंने शिक्षा के भविष्य के विकास पर चर्चा के साथ ही नवाचारों पर भी विचार-विमर्श किया।
भविष्य की आवश्यकताओं का हो रहा सर्वे
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में क्या आवश्यकता हैं, इसका एक एजेंसी से सर्वे कराया जा रहा है। दूसरे देशों का सर्वे कराने की भी जरूरत है कि वहां की क्या जरूरत है, ताकि युवाओं को मौका मिल सके। हाल ही में उनके जापान दौरे में 15 हजार युवाओं को नर्सिंग क्षेत्र में रोजगार देने को लेकर एमओयू किया गया। इसी तरह जर्मनी ने एक लाख युवाओं की मांग की है, लेकिन उन्हें पहले 20 हजार युवा देने और उनके शिक्षा के मापदंड के अनुसार यहां एजुकेशन हब बनाकर एग्जाम ऑर्गेनाइज कराने को कहा है।
शिक्षा विभाग ने कई कीर्तिमान बनाए
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि बहुत लोगों ने शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग करने का वादा किया है। उसके एमओयू भी हुए हैं। राजस्थान विविधताओं से भरा प्रदेश है, लेकिन आवश्यकता है कि इस धरती से पैदा हुए लोग जो संपन्न हैं, वे राजस्थान की जनता और विद्यार्थियों को सहयोग करें। उन्होंने कहा कि विभाग ने 1 साल में ही कई विश्व कीर्तिमान स्थापित किए हैं। स्कूलों में छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सूर्य नमस्कार कराया गया और इसका भी विश्व रिकॉर्ड बना।
धरातल पर उतारेंगे एमओयू को
प्री-समिट के मंच पर उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आखिरी साल में राइजिंग राजस्थान के तहत एमओयू किए। भाजपा सरकार ने पहले ही साल में इन्वेस्टर्स को आमंत्रित किया है, ताकि एमओयू को धरातल पर उतारा जा सके। खेल मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि एजुकेशन डिग्री के लिए नहीं, बल्कि लाइफ के लिए होनी चाहिए। खेलो राजस्थान का आयोजन भी बिना शिक्षा विभाग से हाथ मिलाए नहीं हो सकता था।