Saturday, May 31, 2025

Dr. Surinder Kumar Vasal: डॉ. सुरिंदर कुमार वासल, पद्मश्री से सम्मानित विश्वविख्यात मक्का वैज्ञानिक

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

DR. SURINDER KUMAR VASAL: डॉ. सुरिंदर कुमार वासल एक विश्वविख्यात मक्का आनुवंशिकीविद् और प्रजनक हैं, जिन्हें पोषण-समृद्ध क्वालिटी प्रोटीन मक्का (QPM) के विकास में क्रांतिकारी योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया।


DR. SURINDER KUMAR VASAL: प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

डॉ. सुरिंदर कुमार वासल का जन्म 12 अप्रैल, 1938 को अमृतसर, पंजाब में हुआ। वे यहीं पले-बढ़े और प्रारंभिक शिक्षा के उपरांत उन्होंने भारत के विभिन्न प्रमुख संस्थानों से विश्वविद्यालय की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की, जो उनके वैज्ञानिक जीवन का आधार बनी।

पेशेवर करियर की शुरुआत

DR. SURINDER KUMAR VASAL: डॉ. वासल का करियर हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग से शुरू हुआ, जहाँ उन्होंने सहायक वनस्पतिशास्त्री (मक्का) और सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। उनका पहला अंतरराष्ट्रीय अनुभव 1967 में थाईलैंड में रॉकफेलर फाउंडेशन के साथ बतौर अनुसंधान सहयोगी शुरू हुआ। यहाँ उन्होंने मक्का की किस्मों पर शोध करते हुए ‘सुवान-1’ नामक लोकप्रिय किस्म के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

CIMMYT में योगदान और वैश्विक ख्याति

DR. SURINDER KUMAR VASAL: 1970 में, वे CIMMYT (International Maize and Wheat Improvement Center), मैक्सिको में पोस्ट-डॉक्टोरल फेलो के रूप में शामिल हुए और बाद में वरिष्ठ मक्का वैज्ञानिक बने। यहीं उन्होंने QPM (Quality Protein Maize) के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई — एक ऐसी मक्का किस्म जो पारंपरिक मक्के की तुलना में अधिक प्रोटीन और अमीनो एसिड प्रदान करती है।

1984 में, उन्हें CIMMYT का संकर मक्का विकास कार्यक्रम सौंपा गया। 1991 में, वे तराई उष्णकटिबंधीय मक्का कार्यक्रम के समन्वयक बने और उनकी टीम ने CML (CIMMYT Maize Lines) के रूप में 58 उष्णकटिबंधीय और 42 उपोष्णकटिबंधीय जर्मप्लाज्म लाइनें जारी कीं।


DR. SURINDER KUMAR VASAL: एशिया में नेतृत्व और शोध नवाचार

1997 में, डॉ. वासल CIMMYT के एशियाई क्षेत्रीय मक्का कार्यक्रम के प्रमुख बनाए गए और थाईलैंड में कार्यरत रहे। उन्होंने डाउनी फफूंदी के प्रतिरोधी स्रोत विकसित किए और TAMNET (Tropical Asian Maize Network) की स्थापना की, जो संपूर्ण उष्णकटिबंधीय एशिया में मक्का अनुसंधान को जोड़ने वाला एक प्रमुख मंच बना।

शोध प्रकाशन और प्रशिक्षण

डॉ. वासल ने अपने करियर में 150 से अधिक शोध पत्र, 14 पुस्तक अध्याय प्रकाशित किए हैं और क्रॉप साइंस जर्नल में 12 हाइब्रिड स्रोत आबादियाँ, 24 सफेद तथा 21 पीली रेखाएँ पंजीकृत की हैं। उन्होंने कई पोस्ट-डॉक्टरल फेलो, विजिटिंग वैज्ञानिकों को प्रशिक्षित किया और भारत में संकर मक्का पर कई प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए।

सम्मान और पुरस्कार

डॉ. वासल को निम्नलिखित प्रमुख सम्मान प्राप्त हुए हैं:

  • वर्ल्ड फूड प्राइज़ (2000) – डॉ. इवेंजेलिना विलेगास के साथ मिलकर
  • फसल विज्ञान में अंतर्राष्ट्रीय सेवा पुरस्कार
  • चीनी मैत्री पुरस्कार
  • TAAS का डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन पुरस्कार
  • IARI, PAU और JNKVV से मानद D.Sc. की उपाधियाँ
  • पद्मश्री (भारत सरकार) – QPM के माध्यम से पोषण सुरक्षा में क्रांतिकारी योगदान के लिए

स्थायी प्रभाव

डॉ. सुरिंदर कुमार वासल का कार्य वैश्विक पोषण सुधार, खाद्य सुरक्षा और कृषक हितों के लिए मील का पत्थर रहा है। उनका QPM नवाचार आज भी दुनिया भर के लाखों गरीब और कुपोषित परिवारों के लिए पोषण का आधार बना हुआ है।

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest article