Saturday, May 31, 2025

Dr. Deshmane Vijaylaxmi: पद्मश्री डॉ देशमाने विजयलक्ष्मी कैंसर अनुसंधान शल्य चिकित्सा और सामाजिक सेवा में उत्कृष्टता का प्रतीक

Dr. Deshmane Vijaylaxmi: पद्मश्री से सम्मानित डॉ. देशमाने विजयलक्ष्मी भारत की प्रसिद्ध सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट हैं, जिन्होंने स्तन कैंसर अनुसंधान, चिकित्सा शिक्षा, प्रशासनिक सेवा और समाज सेवा में अपने जीवन को समर्पित किया है। उनका जीवन संघर्षशील परिस्थितियों से उठकर उत्कृष्टता की मिसाल बन चुका है।

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डॉ. विजयलक्ष्मी का जन्म 10 अप्रैल 1955 को कर्नाटक के कलबुर्गी जिले की एक झोपड़पट्टी में हुआ था। वे अनुसूचित जाति (मडिगा समुदाय) से संबंध रखती हैं। उनकी मां फल और सब्ज़ियां बेचती थीं, और पिता स्वतंत्रता सेनानी थे।

Dr. Deshmane Vijaylaxmi: चिकित्सा शिक्षा में ऐतिहासिक पहल

उन्होंने 1980 में कर्नाटक मेडिकल कॉलेज, हुबली से MBBS और 1985 में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, बेल्लारी से MS (जनरल सर्जरी) किया। वे उस कॉलेज की पहली महिला MS छात्रा थीं।

1993 में उन्हें एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया से सर्जिकल ऑन्कोलॉजी में फेलोशिप प्राप्त हुई और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई में प्रशिक्षण लिया।

किडवई में तीन दशक की सेवा

Dr. Deshmane Vijaylaxmi: डॉ. विजयलक्ष्मी ने किडवई मेमोरियल इंस्टिट्यूट ऑफ ऑन्कोलॉजी, बेंगलुरु में तीन दशकों तक सेवा दी। वे वहाँ की पहली महिला सीनियर रेजिडेंट और बाद में पहली महिला फैकल्टी बनीं। उन्होंने प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष के रूप में कार्य किया और निदेशक (प्रभारी) के रूप में भी संस्थान का नेतृत्व किया।

उन्होंने ग्लोबल ब्रेस्ट कैंसर रिसर्च प्रोजेक्ट का नेतृत्व किया, जिसकी रिपोर्ट इंटरनेशनल कैंसर जर्नल में प्रकाशित हुई।

Dr. Deshmane Vijaylaxmi: शैक्षणिक और राष्ट्रीय भूमिका

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की निरीक्षक नियुक्त

विभिन्न राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में शोध पत्र प्रस्तुत

कर्नाटक मेडिकल कॉलेज, बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज, और एसएनडीटी यूनिवर्सिटी, मुंबई में दीक्षांत भाषण दिए

IIIT कोट्टायम (केरल) और IIITDM कुरनूल (आंध्र प्रदेश) की बोर्ड अध्यक्ष

NIPER (2016) की बोर्ड सदस्य

समाज सेवा और सांस्कृतिक पहचान

Dr. Deshmane Vijaylaxmi: डॉ. विजयलक्ष्मी ने अपनी पेंशन से बंगलुरु के बनशंकरी में श्रीकृष्ण मंदिर बनवाया और हबली में गौशाला स्थापित करने की योजना बनाई। वे कर्नाटक कैंसर सोसाइटी की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।

उनके जीवन पर बनी फिल्म ‘मातंगी देवीतीगे’ को बैंगलोर अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (2022) में प्रदर्शित किया गया और 2024 में दादासाहेब फाल्के अचीवर्स अवॉर्ड मिला।

Dr. Deshmane Vijaylaxmi: सम्मान और पुरस्कार

पद्मश्री सम्मान (भारत सरकार द्वारा)

राज्योत्सव पुरस्कार, कर्नाटक सरकार (2004)

ऑन्कोलॉजी समिट, थाईलैंड – रिसर्च अवॉर्ड (2011)

मानद डॉक्टरेट (D.Sc.), कर्नाटक महिला विश्वविद्यालय, बीजापुर (2013)

‘वुमन ऑफ द ईयर’, अमेरिकन बायोग्राफिकल इंस्टिट्यूट (1999)

वर्ल्ड जर्नल ऑफ सर्जरी में जीवनी प्रकाशित

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