Thursday, May 29, 2025

DR. ARKALGUD ANANTARAMAIAH SURYA PRAKASH: साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. अर्कलगुड अनंतरमैया सूर्य प्रकाश को मिला पद्म भूषण सम्मान

DR. ARKALGUD ANANTARAMAIAH SURYA PRAKASH: डॉ. अर्कलगुड अनंतरमैया सूर्य प्रकाश का जन्म 9 फरवरी 1950 को हुआ। उन्होंने बैंगलोर विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की डिग्री ली। इसके बाद समाजशास्त्र में एम.ए. की पढ़ाई मैसूर विश्वविद्यालय से पूरी की।

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संसद की कार्यप्रणाली पर शोध करते हुए उन्हें तुमकुर विश्वविद्यालय से डी.लिट की उपाधि मिली और साथ ही उन्होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से कानून (एल.एल.बी.) की पढ़ाई भी की।

DR. ARKALGUD ANANTARAMAIAH SURYA PRAKASH: पत्रकारिता में लंबा अनुभव

डॉ. सूर्य प्रकाश का पत्रकारिता करियर पांच दशकों से भी अधिक समय तक फैला रहा है। वे द इंडियन एक्सप्रेस के दिल्ली ब्यूरो प्रमुख, ईनाडु समूह के राजनीतिक संपादक, एशिया टाइम्स के भारत संपादक, द पायनियर के कार्यकारी संपादक और ज़ी न्यूज़ के संपादक रहे हैं। उन्होंने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया दोनों में बड़ी भूमिका निभाई।

प्रसार भारती और सार्वजनिक सेवा

वे भारत के सार्वजनिक सेवा प्रसारक, प्रसार भारती के अध्यक्ष भी रहे हैं। उनके नेतृत्व में संसद की कार्यवाही का सीधा प्रसारण शुरू हुआ और संसद में विभागीय स्थायी समिति प्रणाली की नींव पड़ी। इससे संसदीय प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी।

लेखन और पुस्तकें

डॉ. सूर्य प्रकाश एक सक्रिय लेखक भी हैं। उन्होंने 1995 में ‘व्हाट एल्स इंडियन पार्लियामेंट’ नामक पुस्तक लिखी जो संसद के कामकाज को समझने में सहायक है। 2013 में उन्होंने ‘पब्लिक मनी, प्राइवेट एजेंडा’ लिखी, जिसमें सांसद निधि (MPLADS) की कार्यप्रणाली और उसके दुरुपयोग पर प्रकाश डाला। 2017 में प्रकाशित उनकी पुस्तक ‘द इमरजेंसी – इंडियन डेमोक्रेसीज़ डार्केस्ट ऑवर’ में आपातकाल की घटनाओं को विस्तार से प्रस्तुत किया गया।

लोकतंत्र पर शोध और वैश्विक मंच

हाल के वर्षों में उन्होंने दुनियाभर के संविधानों का तुलनात्मक अध्ययन किया और लोकतंत्र के लिए जरूरी विशेषताओं पर शोध किया। इस शोध को विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन, नई दिल्ली ने प्रकाशित किया। 2019 में उन्होंने लंदन में आयोजित मीडिया स्वतंत्रता सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया और लोकतंत्र के सिद्धांतों की मजबूती से रक्षा की।

प्रधानमंत्री संग्रहालय में योगदान

प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय की कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में उन्होंने स्वतंत्र भारत के प्रधानमंत्रियों की विरासत को संग्रहालय के माध्यम से जनता तक पहुंचाने का कार्य किया। यह संग्रहालय आज़ादी के बाद के भारत की लोकतांत्रिक यात्रा को संरक्षित करने में एक अहम भूमिका निभाता है।

पुरस्कार और सम्मान

डॉ. सूर्य प्रकाश को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं। इनमें 1995 में जर्मनी की फ्रेडरिक एबर्ट फाउंडेशन से फेलोशिप, 2002 में निर्भीक पत्रकारिता के लिए बिपिन चंद्र पाल सम्मान, 2010 में कर्नाटक राज्योत्सव पुरस्कार और 2025 में एसजीटी विश्वविद्यालय, हरियाणा द्वारा डी.लिट (मानद उपाधि) शामिल हैं।

पद्म भूषण सम्मान

जनवरी 2025 में भारत सरकार ने उन्हें ‘साहित्य और शिक्षा – पत्रकारिता’ के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया। यह सम्मान उनके लेखन, लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रचार और मीडिया में सशक्त नेतृत्व के लिए दिया गया।

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Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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