दिल्ली मर्डर कांड: दिल्ली के तिमारपुर इलाके में एक कमरे में लगी भयावह आग ने एक ऐसी साजिश का खुलासा कर दिया जिसने पुलिस से लेकर आम लोगों तक को हिला कर रख दिया है।
यह कोई साधारण हादसा नहीं बल्कि सोची समझी हत्या थी और इस खौफनाक साजिश की मास्टरमाइंड कोई पेशेवर अपराधी नहीं बल्कि फोरेंसिक साइंस की एक छात्रा निकली।
वही छात्रा, जिसे अपराध सुलझाने और न्याय दिलाने की पढ़ाई करनी थी, खुद एक निर्दयी हत्यारी बन बैठी।
दिल्ली मर्डर कांड: आग से निकले राज और पुलिस की पहली उलझन
छह अक्टूबर की रात तिमारपुर की एक इमारत की चौथी मंजिल पर अचानक आग लगने की सूचना पुलिस और फायर ब्रिगेड तक पहुंची।
धुआं फैल चुका था और आग ने कमरे को पल भर में राख में बदल दिया। जब टीमें भीतर पहुंचीं, तो उन्हें बुरी तरह जला हुआ एक शव मिला।
शुरुआती नजर में सबकुछ हादसा लग रहा था, लेकिन फॉरेंसिक जांच ने तस्वीर बदलनी शुरू कर दी।
सीसीटीवी फुटेज में दो नकाबपोश युवक और कुछ देर बाद एक युवक और एक लड़की को उसी इमारत से बाहर निकलते देखा गया। यहीं से शक गहराया और पुलिस ने छानबीन तेज कर दी।
मोबाइल लोकेशन से टूटी गुत्थी
जांच में पता चला कि मृतक की पहचान 32 वर्षीय रामकेश मीणा के रूप में हुई, जो UPSC परीक्षा की तैयारी कर रहा था। परिवार ने भी घटना पर संदेह जताया।
पुलिस ने कॉल डिटेल और लोकेशन की जांच शुरू की और यहीं पर सामने आया 21 वर्षीय अमृता चौहान का नाम, जो बीएससी फोरेंसिक साइंस की छात्रा है।
उसका मोबाइल लोकेशन घटना की रात उसी स्थान पर मिला। यह सुराग निर्णायक साबित हुआ और केस अचानक आगजनी से हत्या में बदल गया।
ब्लैकमेल की वजह से रची गई साजिश
अमृता को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि रामकेश के पास उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो थे, जिन्हें वह डिलीट करने से मना कर रहा था।
इसी डर और गुस्से में अमृता ने अपने पूर्व प्रेमी सुमित कश्यप और उसके साथी संदीप कुमार के साथ मिलकर हत्या की पूरी योजना बनाई।
पांच और छह अक्टूबर की दरमियानी रात तीनों ने पहले रामकेश का गला दबाकर उसे मार डाला और फिर कमरे में घी, तेल और वाइन डालकर आग लगा दी ताकि घटनास्थल एक हादसे की तरह लगे।
वारदात को हादसा दिखाने की नाकाम कोशिश
सुमित गैस सिलेंडर का डिस्ट्रीब्यूटर था। उसने वारदात के बाद सिलेंडर खुला छोड़ दिया ताकि विस्फोट हो और हादसे का भ्रम बने।
आग भड़की, धमाका हुआ और कमरा राख में बदल गया, लेकिन अपराध विज्ञान की साजिश अपराध विज्ञान की ही जांच में उजागर हो गई।
पुलिस ने हार्ड डिस्क, ट्रॉली बैग, शर्ट और मोबाइल फोन बरामद कर लिए हैं और तीनों आरोपी अब सलाखों के पीछे हैं।

