Tiger: रणथंभौर टाइगर रिजर्व के क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट में अवैध खनन तेजी से बढ़ गया है। इसकी वजह से बाघों के रहने के साथ ही जान का खतरा बन गया है। कुंडेरा रेंज में 5 बाघों का विचरण है औऱ वहां पर खुलेआम अवैध खनन हो रहा है। सैटेलाइट इमेजरी के अनुसार, पिछले 5 सालों में यह गतिविधि तीन गुना बढ़ी है। हाल ही में बाघ टी-86 की हत्या में खनन में इस्तेमाल होने वाले बारूद के निशान पाए गए थे।
Tiger: 60 करोड़ की लागत से लगे आईटी और वायरसलैस कैमरे
जंगल में पेड़ों और वन्यजीवों की सुरक्षा जिम्मेदारी बढ़ाने के लिए रणथंभौर सहित झालाना, सरिस्का में 60 करोड़ की लागत से आईटी वायरलैस सर्विलेंस एंड एंटी पोचिंग सिस्टम लगाये गए थे। साथ ही टावरों पर हाईटेक कैमरे लगाए गए जो हर हरकत को रात में भी कैद कर सकें। रणथंभौर के इस एरिया में भी ये कैमरे लगे तो हैं, लेकिन लंबे समय से खराब पड़े हैं। दूसरी ओर यहां से अवैध माइनिंग के वाहन सहित जंगल में अवैध चराई भी जमकर हो रही है। ऐसे में इसमे प्रशासन की मिली भगत साफ नजर आ रही है।
स्पेशल टॉस्क फोर्स
इस अवैध खनन से लगती जंगल सीमा के दोनों ओर भी आमाघाटी से खवा तक करीब 6-7 किमी में दीवार बनी हुई है। केवल यहीं उलियाणा गांव के आसपास जंगल की सीमा पर लोगों की निर्वाध आवाजाही है। यहां से अवैध माइनिंग के वाहन सहित जंगल में अवैध चराई भी जमकर हो रही है। इस संकट का समाधान केवल स्पेशल टास्क फोर्स, उच्चस्तरीय निगरानी, और स्थानीय लोगों की सहभागिता से ही संभव है। रणथंभौर में होटलों और रिसॉर्ट्स के लिए पत्थर की बढ़ती मांग को वैध खनन से पूरा करने की दिशा में प्रयास करना आवश्यक है। अन्यथा, बाघों और उनके आवास का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।