Sharmistha Mukherjee: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर सियासत कर रही कांग्रेस पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का विनाश हो चुका है। उन्होेंने पार्टी को अपनी दुखद स्थिति पर आत्मचिंतन करने की हिदायत दी है। शर्मिष्ठा ने यह भी सवाल उठाया कि उनके पिता के निधन के बाद कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक क्यों नहीं बुलाई गई और कोई प्रस्ताव क्यों पारित नहीं किया गया।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि उन्हें बुरा लगा जब उनके पिता के निधन के बाद सीडब्ल्यूसी की कोई बैठक नहीं बुलाई गई। सीडब्ल्यूसी कांग्रेस की फैसला लेने वाली सबसे बड़ी यूनिट है। उन्होंने सवाल किया, ‘कांग्रेस को इसके लिए जवाब देना होगा। मैं केवल तथ्य बता सकती हूं, लेकिन मैं बस इतना जोड़ना चाहती हूं कि मुझे नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया या सरासर लापरवाही थी। इतनी पुरानी पार्टी में क्या परंपराएं हैं?’
‘मेरे पिता को बनाया निशाना, कांग्रेस का हो चुका विनाश’
शर्मिष्ठा ने कहा, ‘कांग्रेस का पूरा तंत्र, यानी उसका सोशल मीडिया, इस मुद्दे पर और कुछ अन्य मुद्दों पर मुझे और मेरे पिता को लगातार निशाना बना रहा था। मेरे और मेरे पिता जैसे सबसे बड़े नेताओं में से एक के खिलाफ जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया, उससे पता चलता है कि कांग्रेस का वास्तव में विनाश हो चुका है।’ शर्मिष्ठा ने कहा, ‘कांग्रेस को सोशल मीडिया पर ट्रोल करने की बजाय गंभीरता से आत्मचिंतन करना चाहिए कि मेरे जैसी नेत्री, जो कांग्रेस विचारधारा में कट्टर विश्वास करती थी, आज पार्टी से अलग-थलग क्यों महसूस कर रही है।’
‘कांग्रेस ने नरसिंह राव के साथ क्या किया?’
शर्मिष्ठा ने कहा, ‘यदि संस्थागत स्मृति का यह विनाश हुआ है, अगर राहुल गांधी और उनके आसपास के लोग यह नहीं जानते कि कांग्रेस ने इन पूर्व स्थितियों में किस तरह काम किया, तो यह अपने आप में कांग्रेस के भीतर गंभीर और दुखद स्थिति है।’ कांग्रेस में नेहरू-गांधी परिवार के बाहर के नेताओं के योगदान को मान्यता देने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि (पूर्व प्रधानमंत्री) पीवी नरसिंह राव के साथ क्या किया गया था।’
मनमोहन सिंह स्मारक पर क्या बोलीं शर्मिष्ठा?
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक की स्थापना को लेकर उठे विवाद पर शर्मिष्ठा ने कहा कि वह इस विवाद में नहीं पड़ेंगी, क्योंकि वह अब कांग्रेस का हिस्सा नहीं हैं और उन्होंने राजनीति छोड़ दी है। हालांकि, उन्होंने सिंह के लिए एक स्मारक बनाने की वकालत की और कहा कि देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न भी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मरणोपरांत दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहूंगी, मैं अब कांग्रेस से जुड़ी हुई नहीं हूं, मैंने राजनीति छोड़ दी है। कांग्रेस को यह स्पष्ट करने की जरूरत है कि राहुल गांधी ने क्या कहा है्र।’
‘आर्थिक सुधारों के निर्माता थे मनमोहन सिंह’
मुखर्जी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मनमोहन सिंह के लिए स्मारक बनाने की मांग पूरी तरह से जायज है। वह भारत में आर्थिक सुधारों के निर्माता थे, वह भारत की विकास गाथा के जनक थे, वह दो बार प्रधानमंत्री रहे. इसलिए उनके सम्मान में स्मारक बनाने की मांग पूरी तरह से उचित है। साथ ही, भारत के आम नागरिकों की ओर से मैं उनके लिए भारत रत्न की मांग करती हूं, वह इसके पूरी तरह से हकदार हैं।’