Congress leaders Controversial: पहलगाम आतंकी हमले के बाद बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने स्पष्ट कहा था कि उनकी पार्टी सरकार के हर एक्शन में साथ है। लेकिन अब तक कर्नाटक CM सिद्धारमैया, कांग्रेस नेता आरबी तिम्मापुर, विजय वडेट्टीवार, मणिशंकर अय्यर, तारिक हमीद कर्रा, सैफुद्दीन सोज और रॉबर्ट वाड्रा ऐसे बयान दे चुके जो कांग्रेस की पार्टी लाइन से हटकर है और देश विरोधी कहे जा सकते हैं।
इसे लेकर कांग्रेस का विरोध हो रहा है। ऐसे में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को कहा, ‘पार्टी नेताओं के बयान उनकी निजी राय है। ये कांग्रेस पार्टी की लाइन नहीं है। मैं बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि किसी ने इन नेताओं को ऐसा बोलने का अधिकार नहीं दिया है।’
जानें कांग्रेस के 7 नेताओं के बयान
1. रॉबर्ट वाड्रा: आतंकियों ने लोगों को उनके पहचान पत्र देखकर मारा, क्योंकि उन्हें (आतंकियों को) लगता है कि भारत में मुस्लिमों को दबाया जा रहा है। जब तक देश एकजुट और सेक्यूलर नहीं होगा, तब तक हमारी कमजोरियों का फायदा हमारे दुश्मन देश उठाते रहेंगे।
2. सिद्धारमैया: पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कल कहा, ‘कड़े सुरक्षा उपाय शुरू किए जाने चाहिए। हम युद्ध छेड़ने के पक्ष में नहीं हैं। शांति होनी चाहिए, लोगों को सुरक्षित महसूस होना चाहिए और केंद्र सरकार को प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।
3. विजय वडेट्टीवार: पहलगाम हमले में लोग अलग-अलग तरह की बाते बना रहे हैं। आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता। किसी के पास इतना समय है कि वे कान में जाकर पूछे कि तुम्हारा धर्म हिंदू है या मुसलमान। बाहर से आए हमलावरों ने 27 लोगों की जान ले ली और चले गए। चाहे कोई धर्म के बारे में पूछे या न पूछे, लेकिन यह स्पष्ट है कि उनका उद्देश्य देश में अशांति फैलाना, दो समुदायों के बीच हिंसा भड़काना और राष्ट्र को नुकसान पहुंचाना था।
4. आरबी तिम्मापुर: मुझे लगता है कि जब वे आतंकी हमला कर रहे थे, तब उन्होंने धर्म के बारे में नहीं पूछा। अगर उन्होंने पूछा भी होता तो धर्म के आधार पर मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए इस तरह के बयान का इस्तेमाल करने का पागलपन नहीं होना चाहिए।
5. तारिक हमीद कर्रा: भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए।
6. मणिशंकर अय्यर: आज तक हम उस बंटवारे के नतीजों के साथ जी रहे हैं। क्या विभाजन के अनसुलझे सवाल ही 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई भयानक त्रासदी को दिखाते हैं? बंटवारे को रोकने की कोशिशों के बावजूद, यह आखिर में गांधी, नेहरू, जिन्ना और अन्य नेताओं से असहमत कई मुस्लिमों के बीच भारत की पहचान और विरासत को लेकर मूल्यों में फर्क था।
7. सैफुद्दीन सोज: सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धों से बची हुई है। यह जल संधि पाकिस्तान के लिए जीवन रेखा है। अगर पाकिस्तान यह रुख अपनाता है कि पहलगाम हमले में उसका हाथ नहीं है, तो हमें पाकिस्तान की बात मान लेनी चाहिए।
26/11 का हमला हुआ, हम सरकार के साथ थे : रविशंकर
इसे लेकर भाजपा ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुझे याद है कि जब 26/11 हुआ था, तो मुझे पार्टी की ओर से सख्त निर्देश मिले थे कि मुझे केवल एक ही लाइन लेनी चाहिए- हम सरकार के साथ हैं। यहां तक कि एक इंटरनेशनल चैनल पर इंटरव्यू के दौरान भी मैंने कहा था कि यह राजनीतिक हिसाब चुकता करने का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के मौजूदा हालात को देखते हुए मुझे इस पर पीसी करने की उम्मीद नहीं थी, क्योंकि इसे रणनीतिक सुरक्षा के तहत संभाला जा रहा है।
सिद्धारमैया देशभक्त हैं या देशद्रोही : निशिकांत दुबे
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया देशभक्त हैं या देशद्रोही, लोगों को यह पता लगाना चाहिए। मुझे राहुल गांधी से कुछ पूछने की जरूरत नहीं है, मुझे अपने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री पर भरोसा है। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा के बयान पर दुबे ने कहा कि क्या हमें उनकी (पाकिस्तान) आरती उतारनी चाहिए। पाकिस्तानी हमारे लोगों को मारेंगे और हम उनकी आरती उतारेंगे।