Assam Beef Ban: असम सरकार ने राज्य के होटल, रेस्टोरेंट और सार्वजनिक कार्यक्रमों में गोमांस परोसने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है। CM हिमंत बिस्वा ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में मौजूदा काननू में संशोधन कर के नए प्रावधान शामिल किए जाएंगे। बिस्वा ने कहा कि गोमांस के खिलाफ मौजूदा कानून सख्त है, लेकिन रेस्तरां, होटल और सामाजिक समारोहों में गोमांस खाने पर प्रतिबंध नहीं था, जिसे अब बदला जाएगा। बता दें कि असम में मंदिरों के 5 किलोमीटर क्षेत्र में ही गोमांस खाने पर प्रतिबंध था।
Assam Beef Ban: कई राज्यों में खुलेआम बेचा जाता है गोमांस
दूसरी ओर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इस निर्णय को भाजपा की “असफलताओं” से ध्यान भटकाने की कोशिश बताया है। उन्होंने कहा कि झारखंड चुनावों में हार के बाद असम की भाजपा सरकार अपनी कमजोरियों को छिपाने की कोशिश कर रही है। गोगोई ने कहा कि असम की जनता भाजपा के कुशासन और भ्रष्टाचार का चुनावों में जवाब देगी। बता दें कि कई राज्य ऐसे हैं जहां गोमांस बेचने की छूट कानून में मिली हुई है। इन राज्यों में केरल, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम और लक्षद्वीप शामिल हैं। इन राज्यों में खुलेआम गोमांस बेचा जाता है और सार्वजनिक पार्टी में परोसा जाता है।
सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण
असम सरकार का यह फैसला न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण और आर्थिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है। राजनीतिक दृष्टि से यह फैसला भाजपा की हिंदुत्ववादी नीतियों का हिस्सा माना जा रहा है। यह सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने के साथ ही आने वाले चुनावों में राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। इस तरह यह निर्णय असम के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को गहराई से प्रभावित कर सकता है।