Thursday, September 18, 2025

उत्तराखंड में फटा बादल: चमोली में बादल फटने से मची तबाही, 10 लोग लापता

उत्तराखंड में फटा बादल: उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर घाट क्षेत्र में बुधवार देर रात बादल फटने और भारी बारिश ने भीषण तबाही मचाई।

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अचानक आई इस प्राकृतिक आपदा ने कई घरों को नुकसान पहुंचाया और कई लोग लापता हो गए।

पहाड़ी इलाकों में मानसून के दौरान अक्सर भूस्खलन और अतिवृष्टि का खतरा बना रहता है, लेकिन इस बार हालात बेहद गंभीर बताए जा रहे हैं।

उत्तराखंड में फटा बादल: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया दुख

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर गहरा दुख जताया और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि चमोली जिले के नंदानगर घाट क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि से घरों को क्षति पहुंची है और स्थानीय लोग प्रभावित हुए हैं।

धामी ने प्रशासन, एसडीआरएफ और पुलिस टीमों को तुरंत राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि वह खुद लगातार प्रशासन से संपर्क में हैं और स्थिति की गहन निगरानी कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने ईश्वर से सभी के सुरक्षित होने की प्रार्थना की।

सांसद अनिल बलूनी का भावुक संदेश

भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने भी उत्तराखंड में हो रही प्राकृतिक आपदाओं पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें बद्रीनाथ हाईवे पर हुए भूस्खलन का भयावह दृश्य दिखाई दे रहा है।

बलूनी ने लिखा कि इस वर्ष की अतिवृष्टि और भूस्खलन ने उत्तराखंड को गहरे घाव दिए हैं, जिन्हें भरने में काफी समय लगेगा। उन्होंने बाबा केदारनाथ से सभी लोगों की सुरक्षा, अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना की।

रेस्क्यू में जुटा प्रशासन

आपदा की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुट गईं। मलबे में दबे लोगों की तलाश तेज कर दी गई है।

अधिकारी लगातार प्रभावित गांवों में पहुंचकर हालात का जायजा ले रहे हैं। एनडीआरएफ और स्थानीय कर्मचारी भी सड़कों से मलबा हटाने और रास्तों को खोलने का काम कर रहे हैं ताकि मदद तुरंत पहुंच सके।

लापता लोगों की सूची

नंदानगर क्षेत्र की इस घटना में अभी तक 10 लोगों के लापता होने की पुष्टि हुई है। इनमें ग्राम कुंतरी लगा फाली के निवासी कुंवर सिंह (42 वर्ष),

उनकी पत्नी कांता देवी (38 वर्ष), विकास, विशाल, नरेंद्र सिंह, जगदंबा प्रसाद, भागा देवी और देवेश्वरी देवी शामिल हैं।

वहीं धुरमा गांव से गुमान सिंह और ममता देवी के लापता होने की खबर है। प्रशासन लगातार इनकी खोज में जुटा हुआ है, लेकिन भारी बारिश और मलबे के कारण दिक्कतें बढ़ गई हैं।

आपदा से जनजीवन अस्त-व्यस्त

भारी बारिश और भूस्खलन से क्षेत्र में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। कई घरों को नुकसान पहुंचा है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।

पहाड़ों में सड़कों पर मलबा आने से आवाजाही पर भी असर पड़ा है। स्थानीय लोग दहशत में हैं और प्रशासन से लगातार मदद की गुहार लगा रहे हैं।

अधिकारियों और कर्मियों की सराहना

सांसद अनिल बलूनी ने आपदा की घड़ी में राहत और बचाव कार्यों में लगे अधिकारियों, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों की सराहना की।

उन्होंने उन कर्मचारियों को भी धन्यवाद दिया जो कठिन परिस्थितियों में भी सड़कों से मलबा हटाने का काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसे सेवाभाव और समर्पण से ही राज्य इस मुश्किल घड़ी से बाहर निकल पाएगा।

Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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