Cancer: अक्सर बाहर खाने वाले लोग को ये तक पता नहीं होता की वो जो खाना खा रहे है। वो उनकी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है और कितना नुकसानदायक, लेकिन बाहर बन रहें खाने में कौन से तेल का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह हम में से किसी को नहीं पता होता है, लेकिन खाने में हम किसी न किसी प्रकार से पाम ऑयल खा लेते है, लेकिन क्या आपको पता है इसमें कैंसर फैलाने वाले कारक पाये जाते है।
रिसर्च में सामने आया है कि पाम ऑयल में पाया जाने वाला फैटी एसिड जोकि कैंसर जीनोम को काफी प्रभावित करता है। इसके कारण इंसानों में बीमारी फैलने की संभावना काफी बढ़ जाती है। कैंसर की बीमारी जब फैलती है तो उसे मेटास्टेसिस के रुप में जाना जाता है, जो कैंसर का एक प्रकार से रुप है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों की मौत तक हो जाती है।
मेटास्टेटिक कैंसर
शोधकर्ताओं का कहना है कि मेटास्टेटिक कैंसर से पीड़ित अधिकतर लोगों को सिर्फ इलाज किया जा सकता है, लेकिन उन्हें ठीक नहीं किया जा सकता है। बार्सिलोना में इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन बायोमेडिसिन (IRB) ने चूहों पर एक रिसर्च किया था, जिसमें पाया गया कि पामिटिक एसिड मुंह और त्वचा के कैंसर में मेटास्टेसिस को बढ़ावा देता है।
क्या है पाम ऑयल
पाम ऑयल पाम पेड़ों के फलों से निकाला जाता है और ये अन्य तेलों के मुकाबले काफी सस्ता होता है। इसक इस्तेमाल अधिकतर रेस्टोरेंट्स और पैकेज्ड फूड में किया जाता है। इस तेल में किसी भी प्रकार के कोई भी पोषक तत्व नहीं पाये जाते है। इसमें सैचुरेटेड फैट काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। वहीं साल 2008 में जारी हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक पाम ऑयल की खपत 8 मिलियन मीट्रिन टन से अधिक पायी गई है। बता दें कि इंडिया दुनिया में पाम ऑयल का सबसे बड़ा आयातक है। इसके इस्तेमाल से आर्टरीज ब्लॉक हो जाते हैं। ताड़ के तेल में सैचुरेटेड फैट काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। इसकी वजह से बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड को बढ़ावा देता है। इसकी वजह से हार्ट अटैक का खतरा 4 गुना बढ़ जाता है।