Bulldozer: पूरे भारत में बुलडोजर की कार्रवाई की जा रही है, लेकिन आपको यह जान लेना चाहिए की सरकार किस कानून के तहत घर गिराने की कार्रवाई कर सकती है। दरअसल भारत में सेंट्रल डेमोलिशन एक्ट न होने के कारण अलग-अलग राज्यों में सरकारें अलग-अलग कानूनों के तहत घर गिराने की कार्रवाई करती हैं।
Bulldozer: धारा 27 के तहत कार्रवाई
बता दें कि सरकारी री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट, गैरकानूनी निर्माण, अवैध बस्ती को हटाने का काम, प्राकृतिक आपदा के बाद विकास, शहरीकरण, भूमि अधिग्रहण, मेंटिनेंस न होने के कारण जर्जर होने वाले घर और विरासत को सहेजने के लिए सरकार की तरफ से ऐसी कार्रवाई की जाती है। इसके लिए अलग-अलग राज्यों में अलग अलग नियम है। बुलडोजर कार्रवाई की बात करें तो सबसे ज्यादा चर्चा में उत्तर प्रदेश बना हुआ है और यहां पर अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट 1973 की धारा 27 के अनुसार कार्रवाई की जाती है। जिसके तहत मकान को ढहाया जाएगा या फिर कुछ हिस्सा तोड़ा जाएगा। वो भी तब जब आपने घर या विकास कार्यों के मास्टर प्लान में नियमों का उल्लंघन किया हो।
Bulldozer: क्या करें मकान मालिक
अब ऐसे में ये सवाल उठता है कि जिसका मकान तोड़ा जा रहा है वो क्या कर सकता है। ऐसे मामलों में भवन के मालिक को भी कुछ अधिकार दिए गए हैं। जिसमें कारण बताओ नोटिस मिलने के 30 दिन के अंदर उसे विकास प्राधिकरण के चेयरमैन के साथ अपील करनी होगी। अपील के बाद एक चेयरमैन को लगता है कि फैसले में बदलाव होना चाहिए तो वो इसके लिए आदेश जारी कर सकता है या फिर उसे रद्द कर सकता है। ऐसे में चेयरमैन का ही फैसला माना जाएगा। इसके बाद अगर चेयरमैन को जो सहीं लगेगा वहीं होगा।