Thursday, September 19, 2024

BJP की मुराद हुई पूरी, UDF-LDF के बीच नई ताकत के संदेश

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BJP: लोकसभा चुनाव के परिणाम आ चुके है, जिसमें एनडीए ने 293 तो इंडी गठबंधन ने 233 सीटें हासिल की है। जिसमें NDA सरकार बनाने की कवायद शुरू कर चुकी है। वहीं पीएम मोदी की केरल में कमल खिलाने की योजना कामयाब रही। केरल के त्रिशूर से सुरेश गोपी के जीतते ही भाजपा के साथ संघ की दशकों पुरानी मुराद भी पूरी हो गई। जो बीजेपी के लिए मरहम की तरफ साबित हुआ है।

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BJP का वोट प्रतिशत बढ़ा

इस जीत के साथ केरल में BJP का सिर्फ वोट प्रतिशत ही नहीं, बल्कि पार्टी ने त्रिशूर में जीत के साथ दो अन्य सीटों पर अपने विपक्ष को कड़ी टक्कर दी है। तिरुअनंतपुरम सीट पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और कांग्रेस के शशि थरूर से करीब 16 हजार मतों के अंतर से चूक गए। वहीं अंतिगल सीट पर केंद्रीय मंत्री के मुरलीधरन तीन लाख से अधिक वोट पाने में कामयाब रहें। सूबे में बेहतर प्रदर्शन के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी। राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले मोदी ने राज्य के कई मंदिरों का दौरा किया। ईसाई मिशनरियों के साधने की कवायद की। चुनाव में मोदी ने चार रैलियों को संबोधित करने के अलावा पलक्कड़ में रोड शो भी किया।

BJP की कमजोर स्थिति

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की कमजोर स्थिति के कारण संघ के कई कार्यकर्ता अन्य दलों के खिलाफ कांग्रेस के पाले में जाने को मजबूर थे। चुनाव जीतने के बाद पीएम ने वापस पार्टी को अपने दम पर खड़े करने की योजना बनाई। इसी के साथ ही पार्टी ने कई नए चेहरे और रणनीतियों के साथ मैदान में उतारी और संगठन को मजबूत करने पर ध्य़ान दिया। जिसके बाद 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का खाता खुल गया।

BJP राष्ट्रवाद के रूप में मानती है खास

बता दें कि सदियों पुराने प्राचीन हिंदू मंदिरों वाले इस राज्य में संघ कई बड़े कार्य करता आ रहा है। जिसमें धर्मांतरण, मिशनरियों और आतंकी विचारधारा के खिलाफ संघर्ष करता रहा है। वाम दलों से संघर्ष में अब तक संघ और भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता भेंट चढ़ चुके हैं। साउथ का यह राज्य सांस्कृतिक दृष्टि से भारत के एक होने का संदेश देता है। बीजेपी  इसे राष्ट्रवाद के रूप में खास मानती है।

20 सीटों में से एक पर जीत दर्ज

बीजेपी को भले की राज्य की 20 में से एक ही सीट पर जीत हासिल हुई है, लेकिन इस जीत ने वाम दलों की अगुवाई वाले एलडीएफ और कांग्रेस की अगुवाई वाले यूडीएफ को तीसरी ताकत की उदय का मजबूत संदेश दिया है। 2014 में बीजेपी ने बहुमत हासिल करने के साथ ही इसके ताकत में लगातार बढ़ोत्तरी होते हुए देखी गई है। इसके साथ ही 10 वर्षों में 6 प्रतिशत वोट शेयर भी बढ़ा है।

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