बिहार चुनाव 2025: बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे अंतिम दौर की ओर बढ़ रहा है, राज्य में सियासी तकरार और तीखी होती जा रही है।
राघोपुर से महागठबंधन के उम्मीदवार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे पर बड़ा राजनीतिक हमला बोला है।
तेजस्वी का कहना है कि बिहार की जनता इस बार बदलाव के मूड में है और राज्य में अपराध, बेरोजगारी और विकास की कमी जैसी समस्याएं चरम पर हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री सिर्फ़ गुजरात में विकास की बात करते हैं, लेकिन बिहार से वोट लेने चले आते हैं।
बिहार चुनाव 2025: बिहार को क्या दिया मोदी ने
तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को सत्ता संभाले 11 साल हो चुके हैं, लेकिन बिहार को उसका हक़ अब तक नहीं मिला।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब देश का हर दसवां व्यक्ति बिहार से आता है, तब बिहार को गुजरात जैसा मौका क्यों नहीं दिया गया?
तेजस्वी का यह भी आरोप था कि प्रधानमंत्री ने औद्योगिक निवेश, कारखाने, रोजगार और बुनियादी ढाँचे के मामले में गुजरात को तो सब कुछ दिया,
लेकिन बिहार की उपेक्षा की। उनका कहना था कि बिहार की जनता अब सिर्फ़ भाषण नहीं, जवाबदेही चाहती है।
बिहार को केवल आरोप और अपमान
तेजस्वी यादव ने मंच से कहा कि प्रधानमंत्री की रैलियाँ सिर्फ़ आरजेडी और महागठबंधन को निशाना बनाने तक सीमित हैं, जबकि असली मुद्दों पर बात ही नहीं की जाती।
उन्होंने कहा कि जब विकास की बात उठती है, तो सरकार के पास कोई जवाब नहीं होता।
तेजस्वी ने यह भी दावा किया कि उनकी एक सभा रद्द करवाई गई, जिसे उन्होंने “तानाशाही रवैया” बताया और कहा कि वे ऐसी राजनीति के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।
तेजस्वी का ऐलान
महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे तेजस्वी यादव ने आत्मविश्वास जताया कि इस चुनाव में जनता बदलाव लाएगी और बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी।
उन्होंने कहा कि गरीब, किसान, युवा और मजदूर उनके एजेंडे में सबसे ऊपर हैं और वे बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार और उद्योग के क्षेत्र में ठोस कदम उठाएंगे।
उन्होंने प्रधानमंत्री के बयानों को “बिहार को बदनाम करने की कोशिश” बताते हुए कहा कि बिहार की अस्मिता और सम्मान की लड़ाई अब जनता खुद लड़ेगी।
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बीजेपी अति-पिछड़ा समाज को स्वीकार नहीं कर पा रही है।
उन्होंने कहा कि जैसे ही महागठबंधन ने एक अति-पिछड़े नेता को उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की, बीजेपी के नेता असहज हो गए और ट्रोल करने लगे।
तेजस्वी ने अमित शाह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग पहले अल्पसंख्यकों को पाकिस्तान भेजने की बात करते थे,
वे आज संवेदनशीलता की बात कर रहे हैं, जबकि बिहार की सामाजिक संरचना पर उन्हीं की राजनीति ने सबसे ज्यादा चोट पहुंचाई है।

