MOHAN BHAGWAT STATEMENT: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत फ़िलहाल अपने “हिन्दुओ के नेता” वाले बयान की वजह से देशभर में चर्चा में चल रहे है। उन्हें हर तरफ से समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस, समाजवादी समेत गयी विपक्षी पार्टियों के नेता उनके बयान को सपोर्ट कर रहे हैं। मगर यह बयान था क्या ?
पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में मंदिर- मस्जिद विवाद देखने को मिल रहा है।फिर चाहे वो संबल हो या जौनपुर। इसी को लेकर हालही में मोहन भागवत ने पुणे में एक कार्यक्रम बाड़ा बयान दे दिया है, जिसमे उन्होंने कहा, “कि अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद से कुछ लोग ऐसे मुद्दों को उछालकर खुद को ‘हिंदुओं के नेता’ साबित करना चाहते हैं, जो सही नहीं है”।
राम मंदिर से हिन्दुओ की आस्था जुडी थी इसलिए उसका बनना अनिवार्य था,मगर नफरत के चलते आये दिन ऐसे मुद्दे उठाना गलत है। अब उनके इसी बयान को हथियार बना कर विपक्ष भाजपा के मोदी-योगी समेत कई नेताओ पर निशाना साध रहा है।
इकरा हसन ने किया समर्थन
MOHAN BHAGWAT STATEMENT: समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने मोहन भागवत का समर्थन करते हुए कहा कि मैं पहली बार मोहन भागवत की बात से सहमत हूं। इस विवाद के चाकर में डेवलपमेंट के मुद्दे पीछे रह जाते है। अब बस उनकी पार्टी को भी सहमत होना चाहिए।
इकरा हसन ने आगे कहा कहा कि सब लोग आपसी भाईचारे के साथ अपने देश की प्रगति के लिए काम करें और हमारी कोशिश है कि समाज का तानाबाना बना रहे।
मनीष तिवारी ने भी दी प्रतिक्रिया
वहीँ भागवत के इस बयान पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने टप्पणी करते हुए कहा कि कथनी और करनी में फर्क नहीं होना चाहिए। यह बात उनलोगों को देनी चाहिए जो ऐसी चीज़े करते है, इसलिए संयम रखें और भारत के कानून पर भरोसा रखें और कानून की प्रणाली का पालन करें । वहीँ समाजवादी पार्टी के ही नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि मोहन भागवत ने जो कहा वो सही है मगर उनकी बात मानता कौन है?