Thursday, July 31, 2025

Banks Minimum Balance Charge: सरकारी बैंकों ने मिनिमम बैलेंस चार्ज से वसूले 9,000 करोड़ रुपये, अब कई बैंकों ने शुल्क हटाया

Banks Minimum Balance Charge: वित्त मंत्रालय ने संसद में जानकारी दी है कि सरकारी बैंकों ने सेविंग अकाउंट्स में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर पिछले पांच सालों में लगभग 9,000 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि 2020-21 से 2024-25 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने औसत मासिक शेष राशि न रखने पर कुल 8,932.98 करोड़ रुपये का शुल्क लिया।

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Banks Minimum Balance Charge: किस बैंक ने कितना वसूला?

Banks Minimum Balance Charge: इन आंकड़ों के अनुसार, इंडियन बैंक ने सबसे अधिक 1,828 करोड़ रुपये की वसूली की। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक ने 1,662 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा ने 1,532 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला। केनरा बैंक ने 1,213 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया ने 810 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने 535 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 588 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 485 करोड़ रुपये, यूको बैंक ने 120 करोड़ रुपये, पंजाब एंड सिंध बैंक ने 101 करोड़ रुपये और इंडियन ओवरसीज बैंक ने 62 करोड़ रुपये की वसूली की।

साल-दर-साल जुर्माने की बढ़ोतरी

Banks Minimum Balance Charge: 2020-21 में सरकारी बैंकों ने 1,142.13 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला। अगले वर्षों में यह लगातार बढ़ता गया – 2021-22 में 1,428.53 करोड़ रुपये, 2022-23 में 1,855.43 करोड़ रुपये और 2023-24 में 2,331.08 करोड़ रुपये। हालांकि, 2024-25 में यह थोड़ा घटकर 2,175.81 करोड़ रुपये हो गया।

शुल्क खत्म करने का फैसला

Banks Minimum Balance Charge: हाल के महीनों में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया समेत कई सरकारी बैंकों ने न्यूनतम बैलेंस शुल्क हटाने की घोषणा की है। यूनियन बैंक ने कहा कि इसका उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं को निष्पक्ष और सभी के लिए सुलभ बनाना है। इसके अलावा केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने भी इस शुल्क को समाप्त कर दिया है।

एसबीआई पहले ही हटा चुका है चार्ज

Banks Minimum Balance Charge: देश का सबसे बड़ा बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI), मार्च 2020 से ही यह जुर्माना नहीं ले रहा है। एसबीआई के इस कदम से लाखों नए खाताधारकों को सुविधा मिली और बैंक में नए खाते खुलने की संख्या में तेजी आई।

ग्रामीण और कस्बाई ग्राहकों के लिए राहत

वित्त मंत्रालय ने बैंकों को सलाह दी है कि खासकर ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में रहने वाले ग्राहकों के लिए इस तरह के शुल्क को हटाया या कम किया जाए, ताकि वे आसानी से बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकें।

Banks Minimum Balance Charge: बैंकिंग सेक्टर में बदलता रुझान

रिजर्व बैंक की हालिया रिपोर्ट बताती है कि बैंक अब ज्यादा ब्याज वाले फिक्स्ड डिपॉजिट और अन्य विकल्पों पर ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में न्यूनतम बैलेंस चार्ज हटाने से ग्राहकों को राहत मिलने के साथ-साथ बैंकों को भी नए खाताधारक जोड़ने में मदद मिल सकती है।

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