Bangladesh News: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद जहां पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतें जारी रखे हुए है, वहीं अब बांग्लादेश के रिटायर मेजर जनरल एएलएम फजलुर रहमान ने कहा है कि अगर भारतीय सेना पाकिस्तान पर हमला करती है, तो उनके देश को भारत के सभी 7 पूर्वोत्तर राज्यों पर आक्रमण कर कब्जा कर लेना चाहिए। बांग्लादेश राइफल्स (अब बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश) के पूर्व प्रमुख रहमान को बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस का करीबी माना जाता है। उन्होंने अपने इस बेतुके विचार को साकार करने के लिए चीन के साथ सहयोग करने का भी आह्वान किया।
भारत के पूर्वोत्तर राज्यों पर कब्जे की सलाह
फजलुर रहमान ने फेसबुक पर बंगाली भाषा में लिखा, “अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है, तो बांग्लादेश को पूर्वोत्तर भारत के 7 राज्यों पर कब्जा करना होगा। इस संबंध में मुझे लगता है कि चीन के साथ संयुक्त सैन्य व्यवस्था पर चर्चा शुरू करना आवश्यक है।” रहमान की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब नई दिल्ली और ढाका मतभेदों को दूर करने और द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं, जो पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में शरण मांगने के बाद और देश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित लक्षित हमलों की भारत की चिंताओं के बाद नए निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।
पहले मुहम्मद यूनुस ने की थी टिप्पणी
बता दें इससे पहले मार्च में चीन की अपनी यात्रा के दौरान मुहम्मद यूनुस ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों पर टिप्पणी की थी। यूनुस ने कहा था, “भारत के सात राज्य, जो सेवेन सिस्टर कहलाते हैं। वे भारत का एक लैंड लॉक क्षेत्र है। उनके पास समुद्र तक एक्सेक का कोई रास्ता नहीं है।” उन्होंने बांग्लादेश को इस क्षेत्र में समुद्र का एकमात्र संरक्षक बताया और कहा कि यह एक बड़ा मौका हो सकता है। इससे चीनी अर्थव्यवस्था का विस्तार हो सकता है।
भाजपा के कई नेताओं ने की निंदा
इस टिप्पणी की भारत की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के कई नेताओं ने निंदा की थी। अप्रैल में बिम्सटेक के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी यूनुस के सुझाव का जवाब थी। उन्होंने कहा, “हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र विशेष रूप से बिम्सटेक के लिए कनेक्टिविटी हब के रूप में उभर रहा है, जिसमें सड़कों, रेलवे, जलमार्गों, ग्रिड और पाइपलाइनों का असंख्य नेटवर्क है।” उन्होंने कहा कि भारत बिम्सटेक के संदर्भ में अपनी विशेष जिम्मेदारी से अवगत है। यूनुस की टिप्पणी के कुछ दिनों बाद भारत ने कार्गो यातायात के लिए बढ़ती भीड़ का हवाला देते हुए भारतीय हवाई अड्डों और बंदरगाहों के माध्यम से तीसरे देशों को बांग्लादेशी निर्यात कार्गो के ट्रांस-शिपमेंट के लिए लगभग पांच साल पुरानी व्यवस्था को समाप्त कर दिया।