Balochistan: लंबे समय से पाकिस्तान से अलग होने के लिए संघर्ष कर रहे बलूच ने स्वतंत्र राष्ट्र की घोषणा कर दी है। बलूच ने UN से एक देश के रूप में मान्यता देने और वित्तीय सहायता देने की मांग की है और भारत से दिल्ली में बलूच दूतावास खोलने का आग्रह किया है।
Table of Contents
Balochistan: बलूच के लोग पाकिस्तान का हिस्सा नहीं
मीर यार बलूच ने कहा कि अब बलूच के लोग पाकिस्तान का हिस्सा नहीं रहना चाहते और आज़ादी चाहते हैं। मीर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि पाकिस्तानी सेना ने सालों से बलूच के लोगों पर ज़ुल्म किया, लेकिन अब और नहीं सहन नहीं करेंगे। वहीं दूसरी तरफ बलूच लिबरेशन आर्मी ने दावा किया है कि उनके लड़ाकों ने डेरा बुगती इलाके में पाकिस्तान के 100 से ज्यादा गैस के कुओं पर कब्ज़ा कर लिया है।
सड़कों और चेकपोस्टों पर नियंत्रण
इसके अलावा उन्होंने सभी अहम सड़कों और चेकपोस्टों पर भी अपना नियंत्रण कर लिया है, जिससे पाकिस्तानी सेना आगे नहीं बढ़ पा रही है। यह कदम बलूच जनता की दशकों पुरानी पीड़ा और संघर्ष की गूंज है, जो अब दुनिया तक पहुंच रही है।
पाकिस्तान में शामिल होने से इनकार
1947 में जब भारत का बंटवारा हुआ, तब बलूचिस्तान की रियासत ‘खान ऑफ कालात’ ने 15 अगस्त को खुद को एक स्वतंत्र देश घोषित कर दिया था। उन्होंने पाकिस्तान में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया था, लेकिन पाकिस्तान ने दबाव डाला और 27 मार्च 1948 को अपनी सेना भेजकर बलूचिस्तान पर जबरन कब्जा कर लिया। इसी दिन से शुरू हुआ बलूचों का आज़ादी का संघर्ष, जो आज तक जारी है।
प्राकृतिक संसाधनों से लैस
जानकारी के लिए बता दें कि प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर होने के बावजूद बलूचिस्तान के लोग गरीबी में जी रहे हैं। वहां की गैस, कोयला और खनिज पाकिस्तान के बाकी हिस्सों को समृद्ध बना रहे हैं, लेकिन बलूचिस्तान को कुछ नहीं मिल रहा। न स्वास्थ्य सुविधाएं हैं, न शिक्षा का ढांचा, और न ही बुनियादी सुविधाएं।
यह भी पढ़ें: एके भारती: इस शख्स के बारे में 5 बातें जो आप नहीं जानते!