Friday, June 20, 2025
अभी-अभी
Virat-Anushka: विराट और अनुष्का ने खेला पिकलबॉल, वीडिय�Kavya Maran: SRH की मालकिन काव्या साउथ सिंगर के प्यार मेJal Jeevan Mission scam: पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित 5 आरोपिय�Virat-Anushka: विराट और अनुष्का ने खेला पिकलबॉल, वीडिय�Kavya Maran: SRH की मालकिन काव्या साउथ सिंगर के प्यार मेJal Jeevan Mission scam: पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित 5 आरोपिय�Virat-Anushka: विराट और अनुष्का ने खेला पिकलबॉल, वीडिय�Kavya Maran: SRH की मालकिन काव्या साउथ सिंगर के प्यार मेJal Jeevan Mission scam: पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित 5 आरोपिय�Virat-Anushka: विराट और अनुष्का ने खेला पिकलबॉल, वीडिय�Kavya Maran: SRH की मालकिन काव्या साउथ सिंगर के प्यार मेJal Jeevan Mission scam: पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित 5 आरोपिय�Virat-Anushka: विराट और अनुष्का ने खेला पिकलबॉल, वीडिय�Kavya Maran: SRH की मालकिन काव्या साउथ सिंगर के प्यार मेJal Jeevan Mission scam: पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित 5 आरोपिय�
Virat-Anushka: विराट और अनुष्का ने खेला पिकलबॉल, वीडिय�Kavya Maran: SRH की मालकिन काव्या साउथ सिंगर के प्यार मेJal Jeevan Mission scam: पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित 5 आरोपिय�Virat-Anushka: विराट और अनुष्का ने खेला पिकलबॉल, वीडिय�Kavya Maran: SRH की मालकिन काव्या साउथ सिंगर के प्यार मेJal Jeevan Mission scam: पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित 5 आरोपिय�Virat-Anushka: विराट और अनुष्का ने खेला पिकलबॉल, वीडिय�Kavya Maran: SRH की मालकिन काव्या साउथ सिंगर के प्यार मेJal Jeevan Mission scam: पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित 5 आरोपिय�Virat-Anushka: विराट और अनुष्का ने खेला पिकलबॉल, वीडिय�Kavya Maran: SRH की मालकिन काव्या साउथ सिंगर के प्यार मेJal Jeevan Mission scam: पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित 5 आरोपिय�Virat-Anushka: विराट और अनुष्का ने खेला पिकलबॉल, वीडिय�Kavya Maran: SRH की मालकिन काव्या साउथ सिंगर के प्यार मेJal Jeevan Mission scam: पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित 5 आरोपिय�

Bahraich: लक्‍कड़ शाह बाबा की मजार हुई धवस्त, मजार समीति ने लगाया सरकार पर आरोप

Bahraich: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के घने कतर्नियाघाट जंगल में स्थित सदियों पुरानी लक्‍कड़ शाह बाबा की मजार को लेकर इन दिनों विवाद गहराता जा रहा है। मजार प्रबंधन समिति का आरोप है कि प्रशासन ने रात के अंधेरे में बुलडोजर चलाकर दरगाह को ध्वस्त कर दिया।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

जबकि प्रशासन का पक्ष है कि यह कार्रवाई ट्र‍िब्यूनल के आदेशों के अनुसार की गई और इसका उद्देश्य संरक्षित वन क्षेत्र में गैरकानूनी निर्माण को हटाना था।

Bahraich: ऐतिहासिक महत्त्व और धार्मिक आस्था

लक्‍कड़ शाह बाबा की मजार 16वीं सदी से स्थापित बताई जाती है और यह क्षेत्र हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता है। हर साल यहां ज्येष्ठ माह में एक दिवसीय उर्स और मेला आयोजित होता था, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु—जिनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों ही समुदायों के लोग शामिल होते—शिरकत करते थे।

मजार प्रबंध समिति के अध्यक्ष रईस अहमद का कहना है कि यह स्थान सिर्फ एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि आपसी भाईचारे का प्रतीक भी रहा है, जहां 40 प्रतिशत मुस्लिम और 60 प्रतिशत हिंदू श्रद्धालु आते हैं।

प्रशासन की कार्रवाई और उसका आधार

मामले को लेकर मजार के सचिव इसरार ने बताया कि 5 जून को ट्र‍िब्यूनल के आदेश की प्रति उन्हें सौंपी गई थी, और उसी रात प्रशासन ने पीएसी, पुलिस, राजस्व और वन विभाग की संयुक्त टीम के साथ मजार पर बुलडोजर चला दिया।

उनका आरोप है कि श्रद्धालुओं और मजार कर्मियों को रात में जबरन हटाया गया और धार्मिक स्थल को बर्बाद कर दिया गया। इसके विरोध में मजार प्रबंधन ने हाई कोर्ट का रुख करने का ऐलान किया है।

वहीं, प्रशासनिक पक्ष ने स्पष्ट किया है कि मजार को ध्वस्त करने की कार्रवाई सुरक्षा कारणों और वन क्षेत्र की रक्षा के तहत की गई है। कतर्नियाघाट के प्रभागीय वन अधिकारी बी. शिवशंकर ने कहा कि यह स्थान संरक्षित जंगल के कोर क्षेत्र में आता है।

जहां मानव-वन्य जीव संघर्ष की संभावनाएं अधिक हैं। इसी कारण, पिछले चार वर्षों से यहां मेले जैसे आयोजनों पर रोक लगाई गई थी। हालांकि धार्मिक क्रियाकलाप जैसे जियारत और पूजा-अर्चना पर कोई प्रतिबंध नहीं था।

भूमि विवाद और वक्फ बोर्ड का दावा

प्रशासन का यह भी दावा है कि दरगाह प्रबंधन ने इस स्थान को वक्फ की संपत्ति घोषित करने की कोशिश की थी, लेकिन वे कोई भी वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सके। इस वजह से भूमि पर दावा खारिज कर दिया गया।

मजार समिति का कहना है कि यह दावा ऐतिहासिक प्रमाणों और जन आस्था पर आधारित है, लेकिन प्रशासन इसे क़ानूनी दस्तावेज़ों की कसौटी पर खरा नहीं पाता देख रहा।

मेला प्रतिबंध और सुरक्षा बलों की तैनाती

प्रशासन ने पूर्व में ही जंगल में आयोजित मेले पर रोक लगा दी थी। अधिकारियों के मुताबिक, जंगल के कोर एरिया में भारी भीड़ जुटने से बाघ, तेंदुआ जैसे जानवरों के रिहायशी क्षेत्रों में मानवीय हस्तक्षेप बढ़ जाता है, जिससे वन्यजीवों और इंसानों के बीच टकराव की घटनाएं सामने आती हैं।

इसी कारण स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), पुलिस और वन विभाग की तैनाती की गई थी ताकि क्षेत्र में व्यवस्था बनी रहे।

इसके साथ-साथ आग जलाकर खाना बनाना, वाहनों की आवाजाही और रात्रि विश्राम पर भी सख्त पाबंदी लगाई गई थी। यह प्रतिबंध जंगल के इकोसिस्टम को बनाए रखने और बायोडायवर्सिटी की रक्षा के उद्देश्य से लगाए गए थे।

विरोध और कानूनी लड़ाई की तैयारी

लक्‍कड़ शाह बाबा की मजार के संरक्षकों ने इस कार्रवाई को धार्मिक भावना पर आघात बताते हुए तीखा विरोध दर्ज कराया है। उनका कहना है कि यह केवल एक निर्माण का मामला नहीं बल्कि एकता, परंपरा और ऐतिहासिक विरासत पर सीधा प्रहार है।

प्रबंधन समिति ने हाई कोर्ट का रुख किया है और आने वाले समय में कानूनी विकल्पों को आजमाने की बात कही है।

दूसरी ओर, प्रशासन अपनी कार्रवाई को वन अधिनियम और ट्र‍िब्यूनल के आदेशों के अनुसार उचित ठहरा रहा है। इस पूरे घटनाक्रम ने आस्था, परंपरा, कानून और पर्यावरण के बीच एक टकराव की स्थिति पैदा कर दी है, जिसका हल केवल न्यायिक प्रक्रिया और संवाद के माध्यम से संभव दिखाई देता है।

यह भी पढ़ें: RCB: आरसीबी के मालिक ने टीम को बेचने का बनाया मन, जानें कितना लगाया दाम

Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest article