पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा क्षेत्र में इन दिनों बड़ा राजनीतिक और धार्मिक तनाव देखा जा रहा है।
इसकी वजह है तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर का ऐलान, जिसमें उन्होंने कहा है कि वे 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद की तर्ज पर एक नई मस्जिद की नींव रखेंगे।
यह तारीख इसलिए भी संवेदनशील मानी जाती है क्योंकि इसी दिन अयोध्या में विवादित ढांचा ढहा था।
पश्चिम बंगाल: हुमायूं कबीर का दावा
कबीर ने 25 नवंबर को सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि वे बेलडांगा में बड़ी मस्जिद की आधारशिला रखेंगे और यह कार्यक्रम बेहद भव्य होगा।
उनके समर्थक पिछले कुछ दिनों से ईंटें, निर्माण सामग्री और धार्मिक प्रतीक लेकर स्थल पर पहुंच रहे हैं।
इलाके में भीड़ तेजी से बढ़ रही है और माहौल लगातार गर्म होता जा रहा है।
आयोजकों का दावा है कि कार्यक्रम 25 बीघा ज़मीन पर होगा और लगभग 3 लाख लोग इसमें शामिल हो सकते हैं।
बड़ी संख्या में भोजन पैकेट, टेंट और मंच की तैयारी पहले ही कर ली गई है। समर्थकों ने यह भी कहा है कि इस समारोह में सऊदी अरब से कुछ धार्मिक नेता भी शामिल होंगे।
TMC की कार्रवाई
हुमायूं कबीर की इस घोषणा के बाद TMC नेतृत्व ने तुरंत उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया। पार्टी का कहना है कि उनका यह कदम राज्य में साम्प्रदायिक तनाव बढ़ा सकता है और यह पूरी तरह से पार्टी लाइन के खिलाफ है।
लेकिन कबीर ने निलंबन के बाद इसे “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” बताया। उन्होंने कहा कि वे अपने फैसले पर अडिग हैं और मस्जिद की नींव हर हाल में रखेंगे।
साथ ही उन्होंने यह बड़ा दावा भी किया कि 22 दिसंबर को वे अपनी नई पार्टी का गठन करेंगे और आगामी विधानसभा चुनाव में 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे।
मस्जिद निर्माण पर हाईकोर्ट ने रोक लगाने से किया इनकार
मस्जिद निर्माण को रोकने के लिए हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई, लेकिन कोलकाता हाईकोर्ट ने इस समारोह पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
अदालत ने साफ कहा कि कार्यक्रम के दौरान शांति-व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
इसके बाद राज्य सरकार ने कड़े कदम उठाते हुए बेलडांगा और आसपास के क्षेत्रों को हाई अलर्ट पर रखा है।
घटना स्थल और आस-पास के इलाकों 3 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि किसी भी तरह की अफवाह, हिंसा या भीड़ को काबू से बाहर नहीं होने दिया जाएगा।
बीजेपी नेता दिलीप घोष ने इस कार्यक्रम की आलोचना करते हुए कहा कि 6 दिसंबर शौर्य दिवस है, न कि किसी मस्जिद के शिलान्यास का दिन।
उन्होंने दावा किया कि TMC और हुमायूं कबीर एक दूसरे को राजनीतिक फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं और इसे मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति बताया।
वहीं कबीर के समर्थक इसे धार्मिक अधिकार और समुदाय की भावनाओं से जुड़ा मुद्दा बता रहे हैं।

