दिल्ली ब्लास्ट पर बाबा बागेश्वर: लाल किले में हुए हालिया धमाके ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। देश के सबसे सुरक्षित और ऐतिहासिक स्थलों में से एक पर हुए इस हमले के बाद आम नागरिकों से लेकर आध्यात्मिक संतों तक ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
इसी क्रम में बागेश्वर धाम के पीठादेश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने अपने संदेश में कहा है कि “कट्टरपंथी विचारधाराओं से प्रेरित ऐसे लोग जो देश को नुकसान पहुँचा रहे हैं, उनके खिलाफ़ राष्ट्रहित में सनातनियों को एकजुट होना पड़ेगा।”
धीरेंद्र शास्त्री ने इसे केवल सुरक्षा की चूक ही नहीं, बल्कि देश की आंतरिक शांति पर सीधा हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि जब राष्ट्र पर संकट हो, तब किसी भी मत, पंथ या विचारधारा से ऊपर उठकर देश की रक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए।
पदयात्रा के दौरान शहीदों के लिए दो मिनट का मौन
अपनी पदयात्रा में उन्होंने सभी श्रद्धालुओं के साथ मिलकर उन शहीद सुरक्षा कर्मियों और निर्दोष नागरिकों को श्रद्धांजलि दी जो इस धमाके में अपनी जान गंवा बैठे।
धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा, देश के लिए बलिदान देने वाले वीरों को नमन है। ऐसी घटनाएँ हमें जाग्रत रहने का संदेश देती हैं।”
पदयात्रा में मौजूद भक्तों ने भी इस मौन के दौरान गहरी भावनाएँ व्यक्त कीं। कई लोगों ने कहा कि यह मौन सिर्फ़ श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि एक संकल्प है कि आतंकी सोच को भारत की धरती पर कभी मजबूत नहीं होने दिया जाएगा।
जनता क्या सोचती है?
दिल्ली ब्लास्ट पर बाबा बागेश्वर: लाल किले धमाके के बाद लोगों की भावनाओं में गुस्सा, चिंता और असुरक्षा तीनों मौजूद हैं। इस विषय पर जनता की राय कुछ इस प्रकार सामने आई—
“देश की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।”
“अगर एक ऐतिहासिक स्मारक सुरक्षित नहीं, तो आम जनता कैसे सुरक्षित होगी?”
“धर्म नहीं, बल्कि राष्ट्रवाद ही ऐसी घटनाओं का जवाब है।”
“कट्टरपंथी सोच पर सख्त कार्रवाई ज़रूरी है।”
लोगों का स्पष्ट मानना है कि चाहे कोई भी सोच या पृष्ठभूमि हो — देशविरोधी गतिविधियों के लिए कोई जगह नहीं।
दिल्ली ब्लास्ट पर बाबा बागेश्वर: सुरक्षा एजेंसियों पर बढ़ा दबाव, देश देख रहा है अगला कदम
घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियाँ सक्रिय हैं और आरोपियों की गिरफ़्तारी के बाद व्यापक जाँच चल रही है। लेकिन जनता अब केवल जाँच नहीं,
कड़े और निर्णायक कदम चाहती है।
धीरेंद्र शास्त्री के बयान को कई लोगों ने “राष्ट्र को एक आवाज़ में खड़े होने” का संदेश माना है। यह देखना अब महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में सरकार और सुरक्षा तंत्र इस दिशा में क्या कदम उठाते हैं।

