Assembly Question Period: राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान शुक्रवार को अवैध कॉलोनियों का मामला सदन में गूंजा। इस दौरान नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही नया सहकारिता अधिनियम ला रही है। इस अधिनियम में गृह निर्माण सहकारी समितियों पर अंकुश के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे, ताकि निजी कॉलोनाइजरों की ओर से होने वाली अनियमितताओं को रोका जा सके। प्रश्नकाल के दौरान बगरू विधायक कैलाश वर्मा की ओर से उनके विधानसभा क्षेत्र में गैर अनुमोदित कॉलोनियों से जुड़ा मुद्दा उठाया गया। इस पर जवाब देते हुए नगरीय विकास मंत्री खर्रा ने उक्त जानकारी दी।
मंत्री ने मानी बैक डेट में पट्टे जारी करने की बात
Assembly Question Period: विधायक कैलाश वर्मा ने कहा कि कई सोसायटियां ऐसी हैं, जो एक ही भूखंड का एक से अधिक लोगों को पट्टे वितरित कर देती हैं। ऐसी सोसायटी पर क्या कार्रवाई की जाती है। इसके जवाब में खर्रा ने कहा कि गृह निर्माण सहकारी समिति का पंजीयन सहकारी अधिनियम के तहत होता है। पंजीयन के बाद कार्रवाई का कोई विशेष प्रावधान नहीं है।
मंत्री ने भी माना कि कई सोसायटी बैक डेट में पट्टे जारी कर देती है। ऐसी सोसायटी के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किए जाते हैं और गिरफ्तारियां भी हुई हैं। मंत्री खर्रा ने कहा कि वह खुद भी सहकारिता मंत्री से इस संबंध में बात कर चुके हैं। नए सहकारिता अधिनियम में गृह निर्माण सहकारी समितियों के लिए कड़े नियमों का प्रावधान किया जाएगा।
यह पूरे प्रदेश की समस्या : स्पीकर देवनानी
Assembly Question Period: इस मामले में स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि यह केवल बगरू की समस्या नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश की है। इस पर सरकार को विचार करना चाहिए कि किस तरह से इन सोसायटी को रोका जाए। इस पर खर्रा ने कहा कि वह इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश देंगे। वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि अवैध कॉलोनियों पर रोक लगाना जरूरी है।
उन्होंने यह भी कहा कि रोक के बाद भी काम होता है। इस पर मंत्री खर्रा ने कहा कि हमारे पास अभी केवल ध्वस्त करने का ही अधिकार है। इसी बीच संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल भी खड़े हुए और उन्होंने कहा कि यह वास्तव में यह मामला गंभीर है।