Assembly News: राजस्थान में पिछली अशोक गहलोत सरकार ने आखिरी समय में गठित किए गए 36 नए बोर्ड और निगमों को सरकार चालू रखने के विचार में नहीं है। इन बोर्ड और निगमों को अभी तक न बजट आवंटित किया गया और ना ही इनमें अध्यक्ष और उपाध्यक्षों की नियुक्ति की गई है। शुक्रवार (21 मार्च, 2025) को विधानसभा में इन बोर्ड और आयोगों का मुद्दा उठा। प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक सी.एल.प्रेमी ने इन बोर्ड के बजट आवंटन और नियुक्तियों को लेकर सवाल किया था।
कांग्रेस ने बनाए थे 36 बोर्ड और आयोग
कांग्रेस विधायक के सवाल के जवाब में सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने बताया कि वर्तमान में 43 बोर्ड और आयोग गठित हैं, जिसमें 7 पहले से चल रहे थे और 36 बोर्ड और आयोग का गठन पूर्ववर्ती सरकार ने किया। इन 36 में से 26 बोर्ड और आयोग ऐसे हैं, जिन्हें कांग्रेस सरकार ने आचार संहिता के 6 महीने पहले घोषित किया था।
बाद में बनाए गए किसी भी बोर्ड में तत्कालीन सरकार ने कोई नियुक्ति या बजट आवंटन नहीं किया। इनके संचालन को लेकर आने वाले समय में मुख्यमंत्री इस पर विचार करेंगे और उसके बाद नीतिगत निर्णय करेंगे।
कालीतीर योजना के बजट प्रावधान पर नोकझोंक
विधानसभा में राजाखेड़ा विधायक रोहित बोहरा ने धौलपुर जिले की कालीतीर योजना के कार्य में वन विभाग की स्वीकृति और बजट आवंटन को लेकर सवाल किया। बोहरा ने कहा कि यदि इस योजना को वन विभाग से स्वीकृति नहीं मिली तो फिर आपने 197.94 करोड़ के काम कैसे करवाए।
उन्होंने आंकड़े गलत देने का आरोप लगाया, जिस पर जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने कहा कि आंकड़े ठीक हैं। इस पर बोहरा ने मूल प्रश्न का जवाब नहीं देने और गलत जवाब देने का आरोप लगाया। इस पर सदन में नोकझोंक हुई।