Friday, December 5, 2025

कश्मीर में गृह मंत्रालय के 18 बड़े फैसले, उमर-महबूबा की शक्ति खत्म, हिंदू-सिख परिवारों को मिली नागरिकता

कश्मीर

हिंदू-सिख परिवारों को नागरिकता और नेताओं की शक्ति छीनी गई

सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय ने पिछले दस दिनों में कश्मीर पर कड़े निर्णय लिए हैं। सबसे पहले पाँच लाख हिंदू और सिख परिवारों को स्थायी नागरिकता दी गई।

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वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की राजनीतिक शक्ति और अधिकार पूरी तरह से वापस ले लिए गए।

विश्वविद्यालय और मंदिरों पर नियंत्रण हटाया गया

जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर नेशनल यूनिवर्सिटी पर इन दोनों नेताओं का नियंत्रण खत्म कर दिया गया।

साथ ही प्रदेश के हिंदू मंदिरों से सरकारी नियंत्रण हटाकर उन्हें स्वतंत्र कर दिया गया। 1990 के दौरान अवैध कब्जों पर अब कोई भी स्थानीय प्राधिकरण शिकायत दर्ज करा सकेगा।

पब्लिक सेफ्टी एक्ट और वीआईपी सुविधाएँ खत्म

उमर और महबूबा को 42 साल पहले मिली कानूनी सुरक्षा हटाकर अब उन्हें पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत किसी भी जेल में भेजा जा सकेगा।

इसके अलावा उनका सरकारी आवास और गाड़ियों की सुविधा भी समाप्त कर दी गई है। यह कदम सख्त प्रशासनिक परिवर्तन माना जा रहा है।

जम्मू बना स्थायी सचिवालय, केंद्र के सीधे नियंत्रण में फैसिलिटी

सर्दियों में सचिवालय के स्थानांतरण की पुरानी व्यवस्था खत्म कर स्थायी सचिवालय अब जम्मू में ही रहेगा।

प्रदेश की सभी सुविधाएँ सीधे केंद्र सरकार से जनता तक पहुँचेंगी, राज्य सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। साथ ही स्थानीय नागरिकों की पूरी डॉक्यूमेंटेशन जाँच चल रही है।

शिक्षा, वक्फ बोर्ड और मंदिर ट्रस्ट पर केंद्र का नियंत्रण

दिल्ली अब विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में परिवर्तन कर रहा है। कश्मीर के हिंदू मंदिर ट्रस्ट सीधे गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करेंगे।

कश्मीर वक्फ बोर्ड को दिल्ली वक्फ बोर्ड के अधीन कर दिया गया है। 1990 में कश्मीरी ब्राह्मणों की जमीनों पर हुए अवैध कब्जों की रजिस्ट्रियाँ रद्द की जाएँगी।

पर्यटन, वन विभाग और मुख्यमंत्री की रैंकिंग बदली

पर्यटन और वन विभाग अब दिल्ली के सीधे नियंत्रण में रहेंगे ताकि बाहरी आतंकियों को स्थानीय स्तर पर मिलने वाली पनाह पर रोक लग सके।

कश्मीर के मुख्यमंत्री की राष्ट्रपति प्रोटोकॉल सूची में रैंकिंग घटाकर 15वें स्थान पर कर दी गई है, जिससे उनके विश्वविद्यालय और वक्फ बोर्ड पर अधिकार खत्म हो गए।

अफसरों और बैंकों पर बड़ा एक्शन

कश्मीरी आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। राज्य सरकार के नियंत्रण से बैंकों को हटा दिया गया है ताकि कश्मीरी पंडित और बाहरी लोग सुरक्षित निवेश कर सकें।

इस कदम के बाद मुख्यमंत्री केवल मुस्लिम ही हों, यह स्थिति अब नहीं रहेगी।

Mudit
Mudit
लेखक 'भारतीय ज्ञान परंपरा' के अध्येता हैं और 9 वर्षों से भारतीय इतिहास, धर्म, संस्कृति, शिक्षा एवं राजनीति पर गंभीर लेखन कर रहे हैं।
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