सीरिया में एक बार फिर हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। पल्मायरा क्षेत्र में हुए जानलेवा हमले में तीन अमेरिकी नागरिकों की मौत के बाद अमेरिका ने इस्लामिक स्टेट (ISIS) के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक शुरू कर दी है।
इस सैन्य अभियान को ‘ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक’ नाम दिया गया है, जिसके तहत आतंकियों के दर्जनों ठिकानों को निशाना बनाया गया है।
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुताबिक, हाल ही में सीरिया में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर हुए हमले ने वॉशिंगटन को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर किया।
इस हमले में दो अमेरिकी सैनिकों और एक नागरिक की मौत हुई थी, जबकि कई सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे।
इसके तुरंत बाद पेंटागन ने ISIS के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के इरादे से इस ऑपरेशन को हरी झंडी दी।
मध्य सीरिया में 70 से अधिक ठिकानों पर हमला
अमेरिकी सेना का दावा है कि इस अभियान के दौरान मध्य सीरिया में ISIS से जुड़े करीब 70 ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया है।
इन हमलों में आतंकियों के छिपने के अड्डे, हथियारों के गोदाम और प्रशिक्षण केंद्र शामिल थे।
रक्षा अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि यदि जरूरत पड़ी तो आने वाले दिनों में अभियान को और भी व्यापक किया जा सकता है।
अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल
ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक में अमेरिका ने अपनी आधुनिक सैन्य क्षमता का पूरा इस्तेमाल किया।
एफ-15 ईगल लड़ाकू विमान, ए-10 थंडरबोल्ट अटैक जेट, AH-64 अपाचे हेलीकॉप्टर और HIMARS रॉकेट सिस्टम के जरिए सटीक हमले किए गए।
इस कार्रवाई में अमेरिका के सहयोगी देशों ने भी साथ दिया, जिसमें जॉर्डन के एफ-16 फाइटर जेट्स की अहम भूमिका रही।
आतंकियों के लिए कड़ा संदेश
इस सैन्य कार्रवाई को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा कि ISIS के मजबूत ठिकानों को सीधे निशाना बनाया जा रहा है और अमेरिका अपने नागरिकों व सैनिकों पर किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा।
ट्रंप ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि जो भी संगठन अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, उसे पहले से कहीं ज्यादा कठोर जवाब मिलेगा।
असद के बाद बदलते समीकरण
बशर अल-असद के सत्ता से हटने के बाद सीरिया और अमेरिका के संबंधों में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है।
हाल ही में सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शारा ने वॉशिंगटन का दौरा कर अमेरिकी नेतृत्व से मुलाकात की।
यह 1946 के बाद पहली बार हुआ, जब किसी सीरियाई राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस का दौरा किया हो।
इस बदले हुए राजनीतिक माहौल के बीच अमेरिका की यह सैन्य कार्रवाई पश्चिम एशिया में नई रणनीति की ओर इशारा कर रही है।

