Friday, November 22, 2024

Ajmer: 100 से ज्यादा लड़कियों के साथ गैंगरेप, लैब से तस्वीरें गायब, ऑफलाइन दुनिया का सबसे बड़ा Sex Scandal

Ajmer: राजस्थान के अजमेर मामले में कोर्ट ने 32 साल बाद फैसला सुनाया है। जिसमे 6 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। इसे अब तक का सबसे बड़ा केस बताया जा रहा है। हालांकि ये भी सोचने की बात है कि उस समय सोशल मीडिया इतना एक्टिव नहीं था तो इतना बड़ा कांड कैसे हो गया, जिसमें 100 से ज्यादा बच्चियों का गैंगरेप किया गया था, तो चलिए आपको बताते है। सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल की कहानी।

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Ajmer के पेपर में छपी हेडलाइन

सन् 1992 में अजमेर शहर में एक अखबार आता था और उस अखबार की हेडलाइन ने सबको झकझोर के रख दिया। उस खबर की हेडलाइन थी ‘बड़े लोगों की पुत्रियां ब्लैकमेलिंग का शिकार’, इस खबर के पढ़ते ही पूरे शहर में हंगामा हो गया और राजस्थान के सीएम भैरों सिंह शेखावत के पास खबर पहुंच गई। उस समय सत्ता में बीजेपी की सरकार हुआ करती थी।

छात्राओं को ब्लैकमेल, आजाद कैसे रहे गए

सीएम ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को कहा कि आरोपी किसी भी हाल में बचने नहीं चाहिए। इसके बावजूद पुलिस ने कार्रवाई करने में देरी की और इस दौरान आरोपी सबूत मिटाने का इंतजाम करने लगे। वहीं अखबार में खबर छपे लगभग 15 दिन से ज्यादा बीत चुके थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी। इसकी भनक अखबार को लगी तो उन्होंने अगले दिन पेपर में आरोपियों की फोटो भी छाप दी और हेडलाइन लिखा ‘छात्राओं को ब्लैकमेल, आजाद कैसे रहे गए?’।

आरोपियों की छपी तस्वीर

इसके बाद अजमेर में लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा। पूरा शहर गुस्से से भर गया, लोग इंसाफ की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आएं। वहीं एक के बाद एक लगातार पेपर में खबर छपने लगी, जिसमें सीआईडी को लेकर भी कहा गया था कि ‘सीआईडी ने 5 माह पहले ही दे दी थी सूचना!’ और चौथी खबर छापी ‘डेढ़ महीने पहले ही ये तस्वीरें देख लिया था’। इसके बाद चौथी खबर ने लोगों को आक्रोश में भर दिया। इसी के साथ ही अजमेर बंद का ऐलान कर दिया। इस खबर में राजस्थान के तत्कालीन गृहमंत्री दिग्विजय सिंह का बयान था। इसके बाद लोगों को लगा कि जब सरकार और प्रशासन को पहले से पूरे केस और आरोपियों के बारे में पता था तो, भी उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

सीआईडी को दिया केस

जब मामला हद से ज्यादा गरमाने लगा तो, राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत ने केस सीआईडी सीबी के हाथों में दे दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीनियर IPS अधिकारी N.K पाटनी पूरी टीम के साथ अजमेर पहुंच गए। इस जांच में युवा कांग्रेस के शहर अध्यक्ष और दरगाह के खादिम चिश्ती परिवार के फारूक चिश्ती, उपाध्यक्ष नफीस चिश्ती, संयुक्त सचिव अनवर चिश्ती, पूर्व कांग्रेस विधायक के रिश्तेदार अलमास महाराज, इशरत अली, इकबाल खान, सलीम, जमीर, सोहेल गनी, पुत्तन इलाहाबादी, नसीम अहमद उर्फ टार्जन, प्रवेज अंसारी, मोहिबुल्लाह उर्फ मेराडोना, कैलाश सोनी, महेश लुधानी, पुरुषोत्तम उर्फ जॉन वेसली उर्फ बबना और हरीश तोलानी जैसे नाम सामने आए। इनमें हरीश तोलानी वो शख्स था जो लैब में लड़कियों की अश्लील तस्वीरों को तैयार करता था।

Ajmer में 8 आरोपी गिरफ्तार

पुलिस की शुरूआती जांच में 8 लोगों की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी थी। वहीं एक आरोपी पुरूषोत्तम जब 1994 में जेल से बाहर आया तो उसने आत्महत्या कर ली। इस केस में सुनवाई के बाद पहला फैसला लगभग 6 साल बाद आया था। जिसमें 8 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। वहीं अब 32 बाद 6 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

100 से ज्यादा लड़कियों के साथ गैंगरेप

जानकारी के अनुसार ये पूरा मामला सन् 1991 में शुरू हुआ था। जहां पर शहर के एक बड़े युवा नेता ने एक बिजनेसमैन की बेटी से दोस्ती की। फिर क्या था उसे झांसा देकर फायसागर के पास फरुख चिश्ती के फॉर्म हाउस पर बुलाया और वहां पर उसके साथ रेप किया गया। फिर पीड़िता की फोटो खींची गई और आरोपियों ने लड़की को फोटो के जरिए ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। लड़की को धमकी देने के साथ कहा कि वह अपने दोस्तों को भी यहां पर ले आएं। इसी के साथ ही आरोपियों ने 100 से ज्यादा लड़कियों के साथ रेप की घटना को अंजाम दिया और उनकी निर्वस्त्र तस्वीरें खींचीं।

17 से 20 साल की लड़कियों को बनाया शिकार

जब सीआईडी को जांच सौंपी गई, तो उस जांच में पता चला कि आरोपी जिस लैब में उन लड़कियों की फोटो बनाते थे। वहां से ये फोटो अजमेर में औऱ लोगों के हाथ लग गई। फिर उन लोगों ने भी फोटो के जरिए पीड़ित लड़कियों को ब्लैकमेल करने के साथ ही उनका रेप किया। बता दें कि जिन लड़कियों के साथ इन घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा था उनकी उम्र 17 से 20 साल थी। जब शहर में लड़कियों की फोटो मिलने लगी तो 6 ने आत्महत्या कर ली। वहीं कुछ ने शहर छोड़ दिया तो कुछ अपनी पहचान छुपाकर जीने लगी।

गौरतलब है कि इस पूरे मामले में 18 आरोपी थी, जिसमें से 9 आरोपियों को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है। एक आरोपी ने आत्महत्या कर ली, तो एक किसी अन्य मामले में बंद चल रहा। वहीं एक अभी भी प्रशासन के चुंगुल से फरार चल रहा है।

Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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