‘Appeasement’ of Congress in Karnataka: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को हिंदू प्रतीकों से कितनी नफरत है, इसका ताजा उदाहरण है कर्नाटक के कोप्पल में गदा और धनुष वाले बिजले के खंबों को हटाने का आदेश। वहां सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) की आपत्ति के बाद कोप्पल के तहसीलदार ने बुधवार (28 अगस्त 2024) को गंगावती तालुका की सड़कों पर सजावट के लिए लगाए गए बिजली के खंबों को हटाने का आदेश दिया था। यह आदेश कांग्रेस के ‘तुष्टीकरण’ का भी उदाहरणा है।गंगावती तालुका बगरंग बली का जन्मस्थान माना जाता है। यहाँ मंदिर की तरफ जाने वाली सड़कों पर बिजली के खंबे लगाए गए थे, जिन पर बजरंग बली के ‘गदा’ और भगवान राम के ‘धनुष’ जैसी आकृतियाँ थी। तहसीलदार ने ये आदेश प्रतिबंधित आतंकी संगठन पीएफआई के मुखौटा राजनीतिक संगठन SDPI की शिकायत के बाद दिया है। हालांकि हिंदुओं की एकजुटता को देखते हुए कलेक्टर ने यह आदेश अब रद्द कर दिया है।
इंजीनियर के खिलाफ भी दिए थे FIR के आदेश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सार्वजनिक जगहों पर “हिंदू धार्मिक प्रतीकों” को लगाने के लिए कर्नाटक ग्रामीण अवसंरचना विकास निगम (KRIDL) के इंजीनियर के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे। ये कार्रवाई सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) की आपत्ति के बाद की गई थी। SDPI बैन आतंकी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की राजनीतिक शाखा है। SDPI ने कहा था कि इन धार्मिक प्रतीकों की वजह से उसकी धार्मिक भावनाएँ आहत हो रही हैं।
हनुमान जन्म स्थान माना जाता है गंगावती
बता दें कि गंगावती (कोप्पल जिला) में अंजनाद्री पहाड़ियों को भगवान हनुमान के जन्म स्थान माना जाता है। ये प्रतीक (धनुष और गदा) सिर्फ़ इसलिए लगाए गए था कि अंजनाद्री पहाड़ियों की ओर जाने वाले भक्तों को भगवान हनुमान की पूजा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। पब्लिक टीवी की स्थानीय रिपोर्ट बताती है कि धनुष और गदा के प्रतीक वाले बिजली के खंभे अंजनाद्री पहाड़ियों की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं के मन में धार्मिक प्रेरणा पैदा करने के लिए लगाए गए।