Friday, November 22, 2024

Missionaries in India: भारतीयों को ईसाई बना रहा अमेरिका का ‘जोशुआ प्रोजेक्ट’, 6 करोड़ लोगों तक पहुंचे

America’s ‘Joshua Project’ for missionaries: भारत में हिन्दुओं और विशेष कर जनजातीय समूहों को ईसाई बनाने का काम लम्बे समय से चल रहा है। इसके लिए ईसाई मिशनरी नैतिक-अनैतिक तरीके सब अपनाती आई हैं। ईसाईयत फैलाने के लिए विदेशों से भी फंडिंग होती रही है। ईसाइयत में धर्मांतरण करवाने वालों के निशाने पर गरीब और पिछड़े हिन्दू सबसे अधिक रहे हैं। जोशुआ प्रोजेक्ट का डाटा बताता है कि उसने कई जातियों में 10%-100% तक ईसाइयत में धर्मांतरण करवाया है। 6 करोड़ लोगों तक पहुंचे
भारत में ईसाई धर्म को बढ़ावा देने में जोशुआ प्रोजेक्ट बड़ी भूमिका निभा रहा है। अमेरिका से चलने वाला यह संगठन भारत की जातियों-जनजातियों और अन्य समूहों के आँकड़े इकट्ठा करके उनको ईसाई बनाने का प्रयास कर रहा है। जोशुआ प्रोजेक्ट ने भारत में 2000 से अधिक जातियों और समुदायों के आँकड़े इकट्ठा किए हैं। जोशुआ प्रोजेक्ट मात्र भारत ही नहीं बल्कि विश्व के बाकी हिस्सों में भी काम कर रहा है। जोशुआ प्रोजेक्ट की वेबसाइट ने बताया है कि वह अब तक 143 करोड़ में से 6 करोड़ लोगों तक ईसाइयत को लेकर पहुंच चुके हैं।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

जानें क्या है जोशुआ प्रोजेक्ट?

जोशुआ प्रोजेक्ट उनको ईसाई बनाने का मिशन है जो इसमें आस्था नहीं रखते। यह संगठन अमेरिका से काम करता है। इसे 1995 में चालू किया गया था। इसे चार लोगों ने मिलकर चालू किया था। इन चार व्यक्तियों में एक भारतीय भी था। जोशुआ प्रोजेक्ट की वेबसाइट बताती है कि यह बाइबल में दिए गए एक निर्देश पर काम करता है। जोशुआ का कहना है कि बाइबल के मैथ्यू 28:19 में उन्हें विश्व के अलग-अलग हिस्सों में लोगों को ईसाइयत का अनुयायी बना कर उनका बाप्तिस्मा बनाने का आदेश मिला है, जिस पर वह काम कर रहे हैं।

विश्व के नक़्शे पर एक इलाका भी तय

जोशुआ प्रोजेक्ट का मुख्य काम उन समूह के आँकड़े इकट्ठा करना है, जिनमें अभी तक ईसाइयत का प्रभाव नहीं हुआ है। जोशुआ प्रोजेक्ट अपनी वेबसाइट पर ईसाइयत को बढ़ाने के लिए दान माँगता है। जोशुआ प्रोजेक्ट ने जो समूह ईसाइयत से दूर हैं, उनके लिए एक नक्शा बनाया है। विश्व के नक़्शे पर एक इलाका भी बनाया गया है, जो ईसाइयत से सबसे दूर है। इसे जोशुआ प्रोजेक्ट ने ’10:40 विंडो’ का नाम दिया है। यह 10:40 विंडो अक्षांश पर 10 डिग्री उत्तर और 40 डिग्री उत्तर के बीच पड़ने वाले देशों का एक इलाका है। इसमें भारत, चीन, सऊदी अरब और म्यांमार जैसे देश आते हैं।

 

इस तरह काम करता है जोशुआ प्रोजेक्ट

जोशुआ प्रोजेक्ट ने भारत की अलग-अलग जातियों और जनजातीय समूहों के आँकड़े इकट्ठा किए हैं। जोशुआ प्रोजेक्ट के पास देश की 2272 जातियों-जनजातियों के आँकड़े हैं। जोशुआ प्रोजेक्ट अपने काम को 5 स्तर पर मापता है। जिन जातियों में ईसाइयत में धर्मांतरण नहीं हो पाया है, उन्हें जोशुआ ‘अनरीचड’ के वर्ग में रखता है। इसके अलावा जिन जातियों-जनजातियों को में ईसाइयत को फैलाने में आंशिक सफलता मिली है, उन्हें ‘मिनिमली रीच्ड’ वर्ग और इस्ससे ऊपर ‘सुपरफिशियली रीच्ड को रखा जाता है। इसके अलावा भी दो वर्ग हैं। जोशुआ प्रोजेक्ट को लेकर दैनिक भास्कर ने भी एक रिपोर्ट में विस्तृत जानकारी दी है।

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest article