महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग के कारण प्रतिमा ढह गई, जिसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 दिसंबर 2023 को किया था ।
एफआईआर और आरोप
ठेकेदार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपों में मिलीभगत, धोखाधड़ी, और सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोप शामिल हैं। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें कहा गया है कि प्रतिमा के निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री की गुणवत्ता घटिया थी और संरचना में लगे नट और बोल्ट जंग लगे हुए थे।
स्थानीय चिंताओं और पीडब्ल्यूडी की कार्रवाई
स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों ने पहले ही प्रतिमा की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई थी। 20 अगस्त को पीडब्ल्यूडी के मालवन डिवीजन के सहायक अभियंता द्वारा चेतावनी दिए जाने के बावजूद कोई सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई। पीडब्ल्यूडी ने कहा कि जंग लगे नट और बोल्ट प्रतिमा की स्थिरता के लिए खतरनाक थे, लेकिन चेतावनियों की अनदेखी की गई।
सिंधुदुर्ग के संरक्षक मंत्री का बयान
सिंधुदुर्ग के संरक्षक मंत्री रवींद्र चव्हाण ने बताया कि प्रतिमा में जंग लगने की जानकारी पीडब्ल्यूडी ने नौसेना को दी थी और उचित कदम उठाने का अनुरोध किया था। प्रतिमा पर काम 8 सितंबर से शुरू हुआ, और भारतीय नौसेना को इसे स्थापित करने का काम सौंपा गया था, जबकि नौसेना को मूर्ति निर्माण में विशेषज्ञता नहीं थी।
अनावरण और मौसम की स्थिति
4 दिसंबर को प्रतिमा का अनावरण राजकोट किले में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में हुआ। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्वीकार किया कि उस दिन तेज हवाएं 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थीं। विपक्ष ने इस घटना को लेकर सरकार की लापरवाही की आलोचना की है।