Central government’s new pension scheme : मोदी सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) को मंजूरी दी है। यह एक अप्रैल, 2025 से लागू होगी। इस योजना से 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त, 2024को यूपीएस को मंजूरी दी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने UPS की जानकारी देते हुए बताया कि कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) और यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) के बीच चयन करने का विकल्प दिया जाएगा। यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत लाभार्थी को 25 वर्ष की न्यूनतम अर्हक सेवा के लिए सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत मिलेगा। कम से कम 10 वर्ष की सेवा अवधि तक प्राप्त पेंशन आनुपातिक होगी।
राज्य सरकारों को भी योजना चुनने का विकल्प
मौजूदा एनपीएस में ग्राहकों को भी यूपीएस में स्विच करने का मौका मिलेगा। सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन के एक भाग के रूप में, लाभार्थी को न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10 हजार रुपये प्रति माह मिलेंगे। सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन के तहत, लाभार्थी को कर्मचारी की मृत्यु से ठीक पहले की पेंशन का 60 प्रतिशत मिलेगा। राज्य सरकारों को भी एकीकृत पेंशन योजना चुनने का विकल्प दिया जाएगा। अगर राज्य सरकारें यूपीएस चुनती हैं, तो लाभार्थियों की संख्या करीब 90 लाख हो जाएगी।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम की खास बातें
- न्यूनतम 25 साल तक कार्यरत रहे कर्मचारी को अंतिम 12 महीने के औसत वेतन का कम से कम 50 प्रतिशत हिस्सा पेंशन के रूप में।
- अगर 10 साल के बाद नौकरी छोड़ते हैं तो दस हजार रुपए पेंशन मिलेगी।
पेंशनभोगी की मौत पर आश्रित को मृत्यु के वक्त मिलने वाली पेंशन का 60 प्रतिशत हिस्सा। - कर्मचारियों को अलग से अंशदान नहीं करना होगा, केंद्र सरकार 18 प्रतिशत अंशदान करेगी, कर्मचारी का अंशदान एनपीएस की ही तरह दस प्रतिशत।
- हर छह महीने की सेवा के बदले मासिक वेतन (वेतन+डीए) का दसवाँ हिस्सा जुड़ कर रिटायरमेंट पर मिलेगा।
- महँगाई इंडेक्सेशन का लाभ।
- रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी के अलावा इकट्ठा राशि अलग से।