Rajasthan Assembly News: राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को पेपर लीक और छात्रसंघ चुनाव का मुद्दा गरमाया। बड़ी बात यह रही कि पायलट समर्थक कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर ने आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग पर बिना नाम लिए पेपर लीक को लेकर निशाना साधा। उन्होंने प्रश्नकाल में गहलोत सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे सुभाष गर्ग पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने पेपर लीक मामले में अभी तक केवल मछलियां ही पकड़ी हैं। आपने प्रदीप पाराशर को पकड़ा, लेकिन उसको वहां लगाने वाला कौन था? दरअसल पेपर लीक में पकड़े गए प्रदीप पाराशर को वर्ष 2011-12 में रीट परीक्षा का कोआर्डिनेटर बनाया गया था। उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। तब बोर्ड के अध्यक्ष सुभाष गर्ग थे। ऐसे में प्रदीप पाराशर को सुभाष गर्ग और बोर्ड चेयरमैन डीपी जरौली के नजदीकी माना जाता है।
पेपर लीक में अभी तक पकड़ी हैं छोटी मछलियां
बजट बहस में बोलते हुए कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर ने कहा कि सत्ता पक्ष के सदस्य कह रहे थे कि हमने पेपर लीक को लेकर एसआईटी गठित की। 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी, लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि अभी तक आपने छोटी मछलियां पकड़ी हैं। बता दें आरएलडी से विधायक सुभाष गर्ग को विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने समर्थन दिया था। पिछले दो विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल के सुभाष गर्ग ने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था और दोनों बार जीत हासिल की। पिछली कांग्रेस सरकार में सुभाष गर्ग मंत्री भी रहे, लेकिन लोकसभा चुनाव में आरएलडी ने भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया।
गहलोत राज में खुली यूनिवर्सिटी बंद करने की मांग
कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने गहलोत राज में 2021 में जोधपुर में खोले गए एमबीएम यूनिवर्सिटी को बंद करने क मांग उठाई है। चौधरी ने कहा कि 2021 में जयनारायण यूनिवर्सिटी की जमीन के दो दुकड़े करके एमबीएम विश्वविद्यालय खोला गया। उसका कोई नया तुक नहीं था, इसे खोलते वक्त कुतर्क दिया गया कि इस यूनिवर्सिटी को सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। यह भी कुतर्क दिया गया कि एलुमिनाई वित्तीय तौर पर सहायता करेगी, लेकिन क्या हुआ? 3 साल में क्या हालात बने हुए हैं? दोनों विश्वविद्यालय अंतिम सांस ले रहे हैं।