CM Mamata Banerjee is allergic to saffron: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने राज्य में गेरुआ (भगवा) और लाल रंगों से छतों की पुताई का मामला उठाते हुए मुख्य सचिव को इसकी जांच करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने शुक्रवार (28 जून) को कहा कि बंगाल में घर की छतें भगवा और लाल क्यों होंगी? उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल में छत पर लगाने के लिए इस तरह के टिन शेड कैसे आपूर्ति किए जा रहे हैं। ममता बनर्जी ने कहा बंगाल का रंग नीला-सफेद है। इसका इस्तेमाल होना चाहिए। इससे पहले भी ममता बनर्जी की सरकार राज्य में सरकारी इमारतों के साथ-साथ निजी घरों को भी नीले-सफेद रंग में रंगने पर जोर देती रही हैं। इसके लिए उन्होंने सरकारी इमारतों के साथ निजी घरों को भी कर में छूट देने की घोषणा की है।
लाल या भगवा में नहीं रंगी जाए सार्वजनिक संपत्ति
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रशासन को निर्देश दिया कि कोई भी सार्वजनिक संपत्ति लाल या भगवा रंग में नहीं रंगी जाए। केवल नबाना (राज्य सचिवालय) में इस्तेमाल किया गया आसमानी नीला रंग ही इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इमारतों की छत के लिए इस्तेमाल भगवा-लाल रंग के टिन शेड को भी हटाना होगा और उनकी जगह आसमानी नीला रंग है लगाना होगा। राज्य सचिवालय में गुरुवार (27 जून 2024) को आयोजित हुई प्रशासनिक बैठक में सीएम ममता बनर्जी ने ये निर्देश दिए।
ममता बनर्जी का अमानवीय चेहरा उजागर: घोष
सीएम ममता की इस टिप्पणी पर विधानसभा में भाजपा के सचेतक शंकर घोष ने कहा कि ममता बनर्जी का अमानवीय चेहरा उजागर हो गया है। लाल-भगवा के जरिए वह क्या कहना चाहती हैं? माकपा के वरिष्ठ नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि घर का रंग नीला और सफेद होने पर कर में छूट मिलेगी। यह लोगों की स्वतंत्रता है कि वह कौन सा रंग चुनें।
भाजपा पर लगाया था ‘रंगीन राजनीति’ का आरोप
बता दें कि दिसंबर 2023 में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने से पहले रंगों की राजनीति की थी। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि भाजपा ‘रंगीन राजनीति’ कर रही है। ममता बनर्जी ने कहा था कि गेरुआ रंग में नहीं रंगे होने के कारण स्वास्थ्य विभाग ने पैसे रोक दिए हैं। उन्होंने आगे कहा था, “मेट्रो स्टेशनों को भी गेरुआ रंग से रंग दिया गया है। मैं सिलीगुड़ी गई और सभी घरों को गेरुए रंग से रंगा हुआ देखा। हमसे कहा गया है कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों को गेरुआ रंग का बनाया जाना चाहिए।