Rahul Gandhi: लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने रायबरेली और वायनाड से सांसद का चुनाव लड़ा था और भारी मतों के अंतर के साथ दोनों सीटों से जीत दर्ज की थी। सांसद चुने जाने के 13 दिन बाद Rahul Gandhi ने वायनाड सीट छोड़ने का ऐलान कर दिया है। इसका फैसला कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हाईकमान की बैठक के बाद लिया गया है। गांधी परिवार से राहुल ऐसे तीसरे सदस्य है जिन्होंने साउथ की सीट से सांसदी को जारी नहीं रखा। राहुल से पहले सोनिया और इंदिरा गांधी भी दक्षिण भारत की सीट छोड़ चुकी हैं।
Rahul Gandhi का फैसला मां-दादी से हटकर
1980 के चुनाव में इंदिरा गांधी चिकमगलूर की बजाय रायबरेली से चुनाव लड़ी थी। वहीं 1999 में बेल्लारी से चुनाव जीतने के बाद सोनिया गांधी ने अमेठी का रुख कर लिया था। हालांकि राहुल का फैसला मां और दादी से थोड़ा हटकर है। उन्होंने ये सीट प्रियंका गांधी को सौंप दी है। राजनीति में पैर रखने के बाद प्रियंका पहली बार इस सीट से चुनाव लड़ेगी।
कांग्रेस को चुनाव में मिली बढ़त
इस बार के चुनाव में कांग्रेस की बढ़त काफी ज्यादा देखने को मिली है। इस बार के चुनाव में 111 सीटों पर इंडी गठबंधन को बढ़त मिली है। वहीं सीपीएम गठबंधन को 18 और बीजेपी गठबंधन को 11 सीटों पर बढ़त मिली थी। बता दें कि केरल में अब तक कोई भी 2 बार से ज्यादा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं रहा है और यहीं वजह है की ये चीजे कांग्रेस को बढ़त दिला रही है। वहीं ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा की राहुल गांधी का वायनाड छोड़ने का फैसला पार्टी के लिए बैकफायर साबित होगा।