Tuesday, July 8, 2025

ADDICTION: किस चीज़ की लत सबसे जल्दी लगती है, सिगरेट, शराब या ड्रग्स ?

ADDICTION: ड्रिंकिंग और स्मोकिंग तो आजकल के लोगों के लिए स्टाइल स्टेटस बन गया है। इसको न पिने वाला तो जैसे कोई अजूबा हो। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते है जिन्हे इन चीज़ो की लत लग जाती है। वो छह कर भी इन चीज़ो से दूर नहीं रह पाते। ऐसे में चलिए चलिए जानते है कि शराब, सिगरेट या ड्रग्स में से किस चीज़ की लत जल्दी लगती है।

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सरब सेवन,धूम्रपान और ड्रग्स यह सब सेहत के लिए कितना खतरनाक होता है, इस बात से तो कोई अनजान नहीं है। अक्सर हम लोग इन चीज़ो का सेवन न करने को लेकर टीवी, रेडियो या सड़को पर पोस्टर देखते है। फिर भी कई लोग ऐसे होते है जो इन सबका सेवन शोक के लिए करते है। मगर कुछ लोग ऐसे भी होते है जिन्हे इन पदार्थो की लत लग चुकी होती है।

ADDICTION: हालांकि जिन लोगों को यह लत लगती है यह वही होते है जो कभी शोक के लिए इन चीज़ो को लेते थे, पर फिर धीरे-धीरे इसके आदि हो गए और यह छोड़ना मुश्किल हो गया। अगर उससे एक दिन या फिर यह कहे की कुछ घंटे भी यह चीज़े न मिले तो उसकी हालत ख़राब होने लगती है। चलिए जानते है की किस चीज़ की लत सबसे जल्दी लगती है।

ADDICTION: किस चीज की लत लगती है सबसे जल्दी

एक माना जाता है की सिगरेट और शराब से ज्यादा किसी इंसान को हेरोइन या कोकीन की लत लग जाती है। यह ड्रग्स होता है. इसका सेवन के एक या दो बार में ही किसी को ड्रग्स का चस्का लगता है और 5 बार तक लेने भर से इसकी लत लगने लगती है ।

ADDICTION: वहीं कैनबिस (हशीश, गांजा) इसका चस्का धीरे लगता है, करीब 6 महीने तक लेने से चस्का लगता है और फिर 2 साल के बाद लत लगनी शुरू हो जाती है । इसके बाद आती है सिगरेट या बीड़ी, इसका चस्का भी छह महीने में लगता है और 2-3 साल में लत लग जाती है । अल्कोहल की लत लगने की गति थोड़ा सा धीमी होती है. अमूमन 1-2 साल में लोगों को शराब का चस्का लगता है, लेकिन 5 साल तक लगातार लेने के बाद इसकी लत लग जाती है ।

सबसे खतरनाक लत कौन सी?

ADDICTION: नशे की लत, खासकर सिगरेट, बीड़ी या ड्रग्स की, सबसे खतरनाक आदतों में मानी जाती है। इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण छिपा होता है। जब कोई व्यक्ति सिगरेट पीता है, तो उसमें मौजूद तंबाकू जलकर निकोटीन छोड़ती है।

यह निकोटीन शरीर में खून के जरिए फेफड़ों तक पहुंचती है और फिर वहां से दिमाग तक जाती है। दिमाग में यह निकोटीन खास रिसेप्टर्स — जिन्हें निकोटीन एसिटाइलकोलीन रिसेप्टर्स कहा जाता है — को सक्रिय कर देती है।

जब ये रिसेप्टर्स एक्टिवेट होते हैं, तो ब्रेन में डोपामिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर रिलीज होता है। यह डोपामिन दिमाग के उस हिस्से को प्रभावित करता है जो आनंद और इनाम की भावना से जुड़ा होता है। यही वजह है कि व्यक्ति बार-बार उसी अनुभव को पाने की कोशिश करता है और धीरे-धीरे लत लग जाती है।

ADDICTION: नशे की आदत छोड़ना इतना मुश्किल क्यों होता है?

जब कोई इंसान सिगरेट या किसी और नशे को छोड़ने की कोशिश करता है, तो उसका सामना एक बड़ी मानसिक चुनौती से होता है। दरअसल, उस नशे से मिलने वाला सुख या तसल्ली एक मानसिक चक्र बना देता है।

ADDICTION: नशा छोड़ने पर यह चक्र टूटने लगता है, जिससे व्यक्ति को मानसिक बेचैनी और खालीपन महसूस होता है। वह दोबारा उसी सुख की अनुभूति पाने के लिए नशे की ओर लौटने लगता है। यही कारण है कि नशे की आदत से छुटकारा पाना इतना आसान नहीं होता।

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