Shefali Jariwala: बॉलीवुड की फेमस एक्ट्रेस शेफाली की मौत अचानक कार्डियक अरेस्ट से हुई। शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, वो उस दिन व्रत पर थीं और उन्होंने कुछ दवाएं ली थीं, जिससे उनके शरीर ने अचानक रिएक्ट किया और उनकी मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि शेफाली लंबे समय से एंटी-एजिंग सप्लीमेंट्स और स्किन ट्रीटमेंट्स ले रही थीं, जिनमें ग्लूटाथियोन भी शामिल था। सवाल ये उठता है कि क्या इन सबका मिलाजुला असर और खाली पेट दवाएं लेना उनकी मौत की वजह बना?
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Shefali Jariwala: कस्टमर को नहीं होता पता
आजकल बाजार में क्वेरसेटिन, कर्क्यूमिन, NMN जैसे सप्लीमेंट्स काफी चलन में हैं। ये उम्र को रोकने, स्किन को बेहतर बनाने या एनर्जी बढ़ाने के दावे करते हैं। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, इन दवाओं की गुणवत्ता और सच्चाई को लेकर गंभीर संदेह हैं।
कई सप्लीमेंट्स को अमेरिका की FDA या भारत की CDSCO ने किसी विशेष बीमारी के लिए मंजूरी दी हो सकती है, लेकिन इनका एंटी-एजिंग या स्किन के लिए प्रयोग पूरी तरह से अनियमित और अप्रयुक्त है।
बाजार में बिकने वाले इन प्रोडक्ट्स में असल में क्या मिलाया गया है, ये न उपभोक्ता को पता होता है और न ही अक्सर बेचने वालों को।
झुर्रियों को कम करने में सहायक
बोटॉक्स, जो कि पिछले दो दशकों से झुर्रियों को कम करने के लिए इस्तेमाल हो रहा है, आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है। बशर्ते इसे किसी प्रशिक्षित डॉक्टर द्वारा मेडिकल सेटअप में दिया जाए,
लेकिन अप्रैल 2024 में अमेरिका में 22 महिलाओं को नकली बोटॉक्स के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो गईं। कुछ को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा और कुछ को ज़हर के असर को खत्म करने वाली दवाएं देनी पड़ीं।
यह इसलिए हुआ क्योंकि उन्हें यह इंजेक्शन गैर-कानूनी और अनपढ़ लोगों ने गैर-चिकित्सकीय जगहों पर दिए थे। डॉ. पराशर चेताते हैं कि भारत में भी ऐसे असुरक्षित क्लीनिक तेज़ी से फैल रहे हैं।
HIV या हेपेटाइटिस का खतरा
एक और गंभीर खतरा है ग्लूटाथियोन का, जो स्किन लाइटनिंग के लिए बहुत लोकप्रिय हो गया है। हालांकि क्रीम या सीरम के रूप में इसका इस्तेमाल कम हानिकारक माना जाता है, लेकिन नस में दी जाने वाली ग्लूटाथियोन इंजेक्शन बेहद जोखिम भरी हो सकती है।
इसका स्किन के लिए FDA अप्रूवल नहीं है और इसके दीर्घकालिक असर पर कोई विश्वसनीय डाटा नहीं है। इससे एलर्जी, ब्लड प्रेशर का गिरना और यहां तक कि किडनी फेलियर तक हो सकता है। और अगर यह सब किसी अस्वच्छ जगह में हो रहा हो, तो HIV या हेपेटाइटिस का खतरा भी जुड़ जाता है।
ऑनलाइन सप्लीमेंट खतरों से खाली नहीं
ऑनलाइन सप्लीमेंट खरीदना भी खतरों से खाली नहीं है। डॉ. पराशर बताते हैं कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर ये सप्लीमेंट्स बिना किसी निगरानी के बिकते हैं और इनमें क्या मिला होता है। यह किसी को नहीं पता।
शेफाली की मौत से एक बात साफ होती है – आजकल का ‘इंस्टेंट ब्यूटी’ और ‘इंस्टेंट फिक्स’ कल्चर गंभीर परिणाम ला सकता है। सोशल मीडिया ट्रेंड्स, अनजाने ब्यूटी हैक्स और मेडिकल शॉर्टकट्स एक खतरनाक मिश्रण हैं। कोई भी दवा या इंजेक्शन लेने से पहले खुद से ज़रूर पूछें।